जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेशों का पालन न करने को गंभीरता से लिया है। अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेशों की अवहेलना एक सामान्य बात बन गई है। इसके परिणामस्वरूप हाईकोर्ट में सैकड़ों अवमानना याचिकाएं लंबित हैं। यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आम जनता का न्यायालय और लोकतांत्रिक ढांचे पर विश्वास उठ सकता है। अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संयुक्त मैनेजर-एचआर पर अधिकरण द्वारा लगाए गए पांच हजार रुपए के हर्जाने को बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने का आदेश दिया, जिसका कटौती उसके वेतन से की जाएगी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर मामलों को मुकदमेबाजी के दूसरे चरण में खींचा।
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संयुक्त जनरल मैनेजर-एचआर एस सूर्यनारायण और अन्य की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिए। मामले से जुड़े अधिवक्ता अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग ने अपीलार्थी फाइनेंस मैनेजर राहुल विजय के ट्रांसफर मामले में स्पीकिंग आर्डर पारित न करने पर संयुक्त जनरल मैनेजर पर पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। इस आदेश का पालन करने के बजाय संयुक्त जनरल मैनेजर और अन्य ने इसे हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी। खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने अदालत में माफी मांगी।
अंततः अदालत ने हर्जाने की राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी।