अंता विधानसभा उप चुनाव में प्रचार शाम 6 बजे होगा बंद

जयपुर। प्रदेश के अंता विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उप चुनाव में प्रचार का शोर-शराबा रविवार की शाम छह बजे थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी केवल डोर टू डोर सम्पर्क करेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत मतदान के अंतिम 48 घंटे पहले प्रत्याशियों ने प्रचार बंद कर दिया जाएगा। इस सीट पर 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार अंता विधानसभा उप चुनाव में 11 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए रविवार शाम छह बजे से प्रचार-प्रसार थम जाएगा।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि 9 नवंबर को शाम छह बजे से आरम्भ होकर मतदान समाप्ति अवधि 11 नवंबर को शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगी। महाजन के अनुसार राज्य निर्वाचन विभाग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 268 मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा।

इस विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 28 हजार 264 मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें एक लाख 16 हजार 783 पुरुष तथा एक लाख 11 हजार 477 महिलाएं और 4 अन्य मतदाता शामिल हैं। आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रचार सीमा समाप्त होने के बाद निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस आयोजित नहीं किया जाएगा। चलचित्र, टेलीविजन या अन्य साधनों की ओर से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं किया जाएगा।

कोई संगीत समारोह, नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं किया जाएगा। कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रासंगिक पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है, सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद नहीं ठहर सकेगा।

यह भी निर्देश है कि राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से अलग) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन मशीनरी और पुलिस प्रशासन की ओर से इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के आयोग ने निर्देश दिए हैं, जिसमें सामुदायिक केन्द्रों, धर्मशालाओं या वो जगह जहां बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है, उनकी निगरानी करने, गेस्ट हाऊस-लॉज-होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी लेने, बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखने के लिए चेकपोस्ट स्थापित करने आदि कार्रवाई शामिल हैं।

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