जयपुर। राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी राहत मिली है। भाजपा से नाराज चल रहे दो दिग्गज नेता—पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल और संतोष सुमन—ने सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। दोनों नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन के समर्थन में चुनाव मैदान से हटने का निर्णय लिया है। नाम वापसी के बाद दोनों नेताओं का कोटा-बूंदी सांसद कार्यालय में भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार ने दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं के बागी तेवर चढ़कर मोरपाल के समर्थन में आने से अंता सीट पर भाजपा का समीकरण मजबूत होता नजर आ रहा है।
भाजपा ने इस सीट पर पूर्व प्रधान मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को टिकट दिया है। अब बागी उम्मीदवारों के हटने के बाद मुकाबला सीधा भाजपा और कांग्रेस और निर्दलीय नरेश मीणा के बीच होता दिख रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बागियों के नाम वापसी से भाजपा को संगठनात्मक एकजुटता और मतों के ध्रुवीकरण में बड़ा फायदा मिल सकता है।

