जयपुर। साहित्यिक पत्रिका अंतरीप द्वारा पुन: आरंभ किए गए सम्मान समारोह में हिंदी साहित्य की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ और नवोदित रचनाकारों को सम्मानित किया गया। राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति के सभागार में इस गरिमामय अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. हेतु भारद्वाज को प्रथम शारदा देवी स्मृति सम्मान तथा वरिष्ठ आलोचक डॉ राजाराम भादू को प्रथम अंतरीप पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं युवा लेखक उत्सव पानेरी और देवेन्द्र कुमार सुथार को नवोदित अंतरीप पुरस्कार से नवाजा गया। समारोह की अध्यक्षता गांधीवादी चिंतक प्रो.
नरेश दाधीच ने की और मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार यशवंत व्यास उपस्थित रहे। इस अवसर पर वक्ताओं ने डॉ भादू को हिंदी आलोचना का सशक्त स्वर बताते हुए उनकी गहनता और संतुलन की सराहना की। डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने डॉ. भारद्वाज की बहुआयामी रचनात्मकता और सकारात्मक दृष्टि को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बताया। अपने वक्तव्य में डॉ. भादू ने आलोचना और वैचारिक लेखन के महत्व पर बल दिया, जबकि डॉ. भारद्वाज ने इसे आत्मीयता और आभार का सम्मान बताया।
मुख्य अतिथि व्यास ने कहा कि भारद्वाज जैसे लेखक साहित्य की मशाल को आगे बढ़ा रहे हैं और भादू हिंदी आलोचना का शीर्ष नाम हैं। समारोह के अंत में नवोदित लेखकों ने अपनी रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को प्रभावित किया।

