बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में 9 करोड़ के टेंडर की जांच शुरू

बाड़मेर। डॉक्टरों और एसडीएम के बीच हुई गर्मागर्म बहस के बाद विवाद तो थम गया, लेकिन 9 करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले की दो स्तरीय जांच अलग-अलग टीमों द्वारा की जा रही है। सोमवार को बाड़मेर एसडीएम की अध्यक्षता में सात सदस्यों की टीम ने सील किए गए कमरों से दस्तावेजों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया। एसडीएम यर्थार्थ शेखर ने बताया कि टीम ने सील किए गए कमरों से दस्तावेज लिए हैं। पहले दिन जांच के दौरान आपस में कुछ गलतफहमियां हो गई थीं। दूसरी ओर, जयपुर से राजमेस एडिशनल सेक्रेटरी की टीम भी बाड़मेर पहुंच चुकी है।

उल्लेखनीय है कि बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर कलक्टर टीना डाबी ने 21 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज की जांच करने के निर्देश दिए। बाड़मेर एसडीएम यथार्थ शिखर, सीएमएचओ विष्णुराम विश्नोई, बीसीएमएचओ, तहसीलदार समेत 7 सदस्यों की कमेटी शनिवार दोपहर करीब 2 बजे निरीक्षण के लिए बाड़मेर मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। डॉक्टरों और एसडीएम के बीच विवाद इतना बढ़ गया था कि डॉक्टर एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, रविवार को जिला कलक्टर टीना डाबी के आवास पर देर शाम हुई वार्ता के बाद सुलह हो गई थी।

डॉक्टरों ने दावा किया कि एसडीएम ने माफी मांग ली थी, लेकिन एसडीएम ने इसे खारिज किया। सोमवार को बाड़मेर एसडीएम यथार्थ शेखर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय टीम बाड़मेर मेडिकल कॉलेज पहुंची। इस दौरान वहां पीएमओ, प्रिंसिपल समेत मेडिकल कॉलेज का स्टाफ मौजूद रहा। जांच कमेटी ने प्राचार्य कक्ष, रिकॉर्ड रूम, लेखाधिकारी कक्ष सहित अन्य क्षेत्रों को सीज करने की कार्रवाई की और वहां से दस्तावेज अपनी कस्टडी में लिए। वहीं, जयपुर से राजमेस एडिशनल सेक्रेटरी चंचल वर्मा और जोधपुर एसएन कॉलेज के प्रिंसिपल बीएस जोधा भी बाड़मेर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जांच शुरू की।

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