बाड़मेर में प्रेमिका की हत्या, दोस्ती का अंत हुआ दर्दनाक

राजस्थान के बाड़मेर से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शुरू हुई दोस्ती मौत की कहानी बन गई। झुंझुनू की 28 वर्षीय आंगनबाड़ी सुपरवाइजर मुकेश कुमारी 400 किलोमीटर दूर अपने प्रेमी से मिलने बाड़मेर पहुंची, लेकिन वहीं उसकी जान ले ली गई। आरोपी शिक्षक मानाराम ने प्रेमिका को कार में बैठा कर लोहे की सरिया से वार कर बेरहमी से हत्या कर दी और फिर वारदात को सड़क हादसा दिखाने की साजिश रची। मुकेश कुमारी की दोस्ती एक मैट्रिमोनियल विज्ञापन से शुरू हुई थी और फिर धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल गई थी।

इसके बाद प्रेमिका 600 किलोमीटर दूर अपनी कार चला कर प्रेमी के पास मिलने पहुंचीं थी, लेकिन प्रेमी की सच्चाई कुछ और ही निकली। टीचर मानाराम पहले से शादीशुदा था और उसके बच्चे भी हैं। मगर उसने मुकेश को यह कहकर बुलाया था कि वह उसे अपने परिवार से मिलवाएगा और शादी की बात करेगा। जब मुकेश को मानाराम की सच्चाई के बारे में पता चला तो दोनों के बीच पहले इस बात को लेकर लंबी बहस हुई फिर झगड़ा और उसके बाद शातिर आरोपी ने मुकेश को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।

मानाराम ने अपनी कार में बैठी प्रेमिका के सिर पर लोहे की सरिया से कई बार वार किया और उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हत्या को सड़क हादसा दिखाने के लिए आरोपी ने शव को कार में ही रखकर कहानी गढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई। यह मामला बाड़मेर के रीको थाना क्षेत्र की है। शिक्षक मानाराम ने लोहे के सरिये से वार कर हत्या की वारदात स्वीकार की है। आरोपी से गहन पूछताछ करने के बाद उसने सच्चाई कबूली।

पुलिस सूचना मिलते ही डॉग स्क्वॉड, एफएसएल, मोब टीम के साथ मौके पर पहुंची, आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाए गए। पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि महिला आरोपी शख्स पर शादी का दबाव बना रही थी, जिस वजह से उसने हत्या की थी। पुलिस जांच में पता लगा कि मानाराम पहले से शादीशुदा है और बीवी से उसकी अनबन थी, जिस वजह से घर में तनाव रहता था।

साल 2008 में मानाराम की शादी हुई थी उसके 16 साल और 14 साल के दो बच्चे भी हैं लेकिन पत्नी से अनबन के चलते साल 2012 से दोनों अलग रह रहे थे। इस बीच मानाराम ने एक अखबार में तलाकशुदा महिला से विवाह वाला एक विज्ञापन देखा, जिसके बाद फेसबुक पर दोनों की मुलाकात हुई। ऑनलाइन बातचीत करते-करते मुकेश कुमारी से मानाराम की दोस्ती मोहब्बत में बदल गई। इसके बाद दोनों कभी झुंझुनू तो कभी बाड़मेर में नियमित रूप से मिलने भी लगे, लेकिन इस मोहब्बत का अंजाम प्यार नहीं था।

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