राजस्थान में भारतमाला एक्सप्रेसवे पर रविवार (2 नवंबर) रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह हादसा एक्सप्रेसवे पर एक अवैध ढाबे पर खड़े ट्रेलर से टकराने के कारण हुआ। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने एनएचएआई पर लापरवाही का आरोप लगाया है, क्योंकि इस मार्ग पर अवैध ढाबों के संचालन की जानकारी पहले से अधिकारियों के पास थी, फिर भी कार्रवाई नहीं की गई।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत निर्मित इस अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क पर अवैध ढाबों के संचालन के लिए सीधे तौर पर एनएचएआई के अधिकारी जिम्मेदार हैं। बेनीवाल ने कहा कि जिन अधिकारियों की जानकारी में यह सब हो रहा था, उन पर विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
हादसे की जानकारी मिलते ही सांसद बेनीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौके पर भेजा और राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों की अनदेखी करना सीधे तौर पर जनता की जान से खिलवाड़ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतमाला जैसी राष्ट्रीय परियोजनाओं का उद्देश्य सुरक्षित और निर्बाध परिवहन सुनिश्चित करना है, लेकिन जब इस तरह की लापरवाही सामने आती है तो यह पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। बेनीवाल ने ट्रॉमा सेंटर की उपलब्धता को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि भारतमाला सड़क पर तय दूरी के बाद ट्रॉमा सेंटर की अनिवार्यता है, लेकिन हादसे के समय पास में कोई ऑपरेशनल ट्रॉमा सेंटर था या नहीं, इसका जवाब एनएचएआई को देना चाहिए। सांसद ने कहा कि यदि नियत दूरी में ट्रॉमा सेंटर नहीं था या चालू अवस्था में नहीं था, तो इसकी जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर कई जगहों पर अवैध ढाबे और पार्किंग एरिया बने हुए हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
लोगों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द इन ढाबों को हटाए और सड़क सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करवाए।

