नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों में होने वाले उपचुनावों की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। आयोग का यह कदम चुनावों में निष्पक्षता और सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के साथ-साथ चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए है। आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत अनुच्छेद 324 और वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस तैनाती की घोषणा की।
आयोग ने बिहार में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण में 121 सामान्य पर्यवेक्षकों और 18 पुलिस पर्यवेक्षकों, और दूसरे चरण के लिए 122 सामान्य पर्यवेक्षकों और 20 पुलिस पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। इसके साथ ही 8 विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे उपचुनावों की निगरानी के लिए आठ सामान्य और आठ पुलिस पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है।
आयोग के अनुसार पर्यवेक्षकों के कार्य का दायरा काफी व्यापक है, जिसमें चुनाव के प्रत्येक चरण की सावधानीपूर्वक निगरानी करना, पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुगमता सुनिश्चित करना, और राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों या मतदाताओं द्वारा उठाई गई किसी भी शिकायत का त्वरित समाधान करना शामिल है। इसके अलावा, पर्यवेक्षकों को आयोग की नवीनतम पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन की गारंटी के लिए मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने का कार्य भी सौंपा गया है।
इस बार मतदान प्रक्रिया को सभी मतदाताओं के लिए सुविधाजनक और सुलभ बनाने पर विशेष जोर दिया गया है, जो भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने वाले स्वतंत्र, निष्पक्ष और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पर्यवेक्षकों की यह तैनाती चुनावी अखंडता की रक्षा के लिए चुनाव आयोग के सक्रिय दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।
