बाड़मेर न्यूज़: डिजिटल इंडिया के इस युग में, जहां हर सरकारी काम ऑनलाइन हो रहा है, वहीं सिस्टम की एक बड़ी गलती ने राजस्थान के बाड़मेर के निवासी दिलीप सिंह को हैरान कर दिया है। गुरुवार सुबह उन्हें अचानक एक मैसेज मिला, जिसमें बताया गया कि उनकी बाइक का चालान बिहार ट्रैफिक पुलिस ने काटा है, जिसका कारण हेलमेट न पहनना बताया गया है। दिलीप ने बताया कि चालान जिस बाइक नंबर RJ 04 ST 5074 पर काटा गया है, वह बाइक तो उनके घर के बाहर खड़ी है।
दिलीप तुरंत आरटीओ ऑफिस पहुंचे और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम की बहुत बड़ी गड़बड़ी है। उनकी बाइक बाड़मेर में है, फिर बिहार के बेतिया जिले में उसका चालान कैसे कट सकता है? उन्होंने चिंता जताई कि अगर ऐसी तकनीकी गलतियां होती रहीं, तो भविष्य में निर्दोष नागरिकों पर और भी कई तरह के गलत आरोप लग सकते हैं। आज चालान गलत कट गया है, कल कोई इसी नंबर से अपराध कर दे या दुर्घटना हो जाए, तो जिम्मेदारी उनके सिर पर आ जाएगी। यह आम आदमी के साथ अन्याय है।
उन्होंने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप और टेक्स्ट मैसेज पर भी चालान का मैसेज आया था, जिसमें 1000 रुपये के चालान की सूचना थी। इतना ही नहीं, दिलीप ने बताया कि बाइक भी अलग-अलग थी। उनकी स्पलेंडर बाइक है, जबकि जिस बाइक पर असल में चालान होना था, वह स्पोर्ट्स बाइक है। दिलीप सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जाए और डिजिटल ट्रैफिक चालान सिस्टम में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे ताकि अन्य लोगों को इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े।
बाड़मेर में यह घटना चर्चा का बड़ा विषय बन गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर एक साधारण नागरिक की बाइक का चालान सैकड़ों किलोमीटर दूर कट सकता है, तो डिजिटल ट्रैफिक सिस्टम की विश्वसनीयता पर कैसे भरोसा किया जाए? यह मामला सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ी चेतावनी साबित हो सकता है।

