बिहार चुनाव परिणामों पर गहलोत की निराशा और धन बल का प्रभाव

जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव परिणामों को निराशाजनक बताते हुए आरोप लगाया है कि महिलाओं को 10-10 हजार रुपए बांटने का असर परिणामों पर पड़ा है। गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस समिति मुख्यालय में कहा कि बिहार में खूब धनबल का इस्तेमाल हुआ है। महिलाओं को 10-10 हजार रुपए दिए गए। जब चुनाव अभियान चल रहा था, तब भी रुपए बांटे जा रहे थे। ऐसा कभी होता नहीं है। यहां तक कि मतदान होने से एक दिन पहले तक महिलाओं के खाते में रुपए डाले गए।

राजस्थान में उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मोबाइल फोन बांट रही थी, लेकिन जिस दिन आचार संहिता लागू हुई, उसी समय फोन बांटना बंद कर दिया। यहां तक कि बुजुर्गों और नि:शक्तजनों की पेंशन थी, वह भी बंद हो गई। बांट भी नहीं सकते, जबकि बिहार में सब बंट रहे थे। पेंशन बंट रही थी, पैसा बंट रहा था। दस हजार रुपए बिहार जैसे राज्य में महिलाओं को मिल जाएं, तो सोचा जा सकता है कि क्या हो सकता है। कांग्रेस की हार का वह भी एक मुख्य कारण था। गहलोत ने कहा कि दूसरा कारण है, चुनाव आयोग।

यह सब देखकर भी चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा, उसने क्यों नहीं रोका कि चलते चुनाव के दौरान 10-10 हजार रुपए बंट रहे थे। चुनाव आयोग को यह सब रोकना चाहिए था, लेकिन रोका ही नहीं, जबकि उन्होंने राजस्थान में रोक दिया, जब मोबाइल फोन बंट रहे थे। इसके विपरीत बिहार में चुनाव आयोग ने इन सबकी अनदेखी की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और जो लोग वोट चोरी की बात कर रहे थे, वोट चोरी क्या होता है, यही तो होता है।

अगर आप निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाते हो तो मान लीजिए कि बेइमानी होती है। पैसा बंट रहा है और चुनाव आयोग ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उनकी मिलीभगत थी। गहलोत ने कहा कि धन का दुरुपयोग हो रहा है। आजकल कोई सोच नहीं सकता। आप हम सोच नहीं सकते कि कैसे पैसे बंटते हैं। महाराष्ट्र में पता कर लें कि कितने करोड़ रुपए दिए गए होंगे, उम्मीदवारों को। कांग्रेस के पास तो पैसा है नहीं, न राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास पैसा है।

मोदी तीन बार प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन मेरा मानना है कि इस देश को कांग्रेस की विचारधारा की जरूरत है। वह देश के हित में है। देश को जरूरत कांग्रेस की है।

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