जयपुर में रिम्स की स्थापना के लिए विधेयक लाने की तैयारी

जयपुर। राजस्थान सरकार आमजन को विश्वस्तरीय और किफायती चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा में राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर विधेयक 2025 पेश करेगी। इस विधेयक के माध्यम से राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की स्थापना का रास्ता साफ होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की घोषणा के अनुसार रिम्स का निर्माण दिल्ली के एम्स की तर्ज पर किया जाएगा। यह संस्थान एक स्वायत्त विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करेगा, जिसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत डिग्री, डिप्लोमा व अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि रिम्स में सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएँ जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ट्रांसप्लांट यूनिट, न्यूरोसर्जरी सहित अन्य आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। साथ ही रूमेटोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, जेनेटिक्स जैसी सब-स्पेशियलिटी सेवाओं की भी स्थापना होगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि रिम्स में आयुर्वेद व योग जैसी आयुष पद्धतियों का भी समावेश होगा। आरयूएचएस और स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को रिम्स में सम्मिलित करने का प्रस्ताव है। रिम्स के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है तथा संचालन के लिए प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुख्य सचिव रिम्स के अध्यक्ष होंगे और देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ इसके शासी निकाय में शामिल होंगे। रिम्स की स्थापना से न केवल प्रदेशवासियों को बेहतरीन इलाज मिलेगा, बल्कि राजस्थान मेडिकल टूरिज्म का प्रमुख केंद्र भी बन सकेगा।

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