भाजपा के लोगों में घमंड, बिहार चुनाव जीतना जरूरी: गहलोत

जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा है कि बिहार चुनाव जीतना महागठबंधन के लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी जरूरी है, क्योंकि यह देश को संदेश देने वाला चुनाव है कि हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में क्या हुआ। पटना दौरे के लिए रवाना होने से पहले अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों में घमंड आ गया है। मुझे लगता है कि 20 साल के बाद बिहार में बदलाव होना चाहिए और महागठबंधन ने पूरी ताकत लगाई है।

सब लोग एकजुट हैं और हम इसमें कामयाब होंगे। गहलोत ने कहा कि कल महागठबंधन का घोषणा पत्र जारी हुआ है और उसमें भी 25 लाख रुपए का बीमा वाली घोषणा की गई है जो कि राजस्थान की सबसे पॉपुलर योजना थी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव और मिलकर रैलियां करेंगे। कांग्रेस पार्टी और गठबंधन के अन्य लोगों भी अच्छा काम कर रहे हैं। बिहार चुनाव की घोषणा से पहले राहुल गांधी ने जिस तरह से दौरे करके एक नरेटिव बनाया था उसका फायदा भी इंडिया गठबंधन को मिलेगा।

नीतीश कुमार 20 साल बिहार की सत्ता में रहे लेकिन बार-बार सहयोगी दल बदलते रहे हैं। पहले जहां पर पीएम पद के दावेदार थे अब वह मुख्यमंत्री बनने के लायक भी नहीं बचे हैं। भाजपा के लोग ही उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं मानते हैं। यह लोग धनबल के जरिए सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम लोगों के गले नहीं उतरा है जिस तरह से भाजपा ने एक तरफा जीत दर्ज की थी।

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को बढ़त मिली थी उसके कुछ महीने बाद ही महाराष्ट्र में चुनाव हुए तो एक तरफा रिजल्ट आया जो किसी के गले नहीं उतरा। भाजपा का कहना है कि हरियाणा में माइक्रो मैनेजमेंट से चुनाव जीत गए वो तो ठीक है हो सकता है कि ऐसा हुआ हो, वहां कुछ प्वाइंटों का फर्क था लेकिन महाराष्ट्र में तो चुनाव ही रहस्य बना हुआ है। गहलोत ने कहा कि बिहार के लोग राजनीतिक रूप से बहुत समझदार हैं। राहुल गांधी जाति का जनगणना कराएंगे।

राहुल गांधी के आगे भाजपा सरकार को झुकना पड़ा और कैबिनेट में पास करना पड़ा कि सरकार जाति का जनगणना कराएगी। यह राहुल गांधी की बहुत बड़ी जीत है। भाजपा केवल हिंदू- हिंदू करके वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती है जैसे की दूसरी पार्टी के लोग हिंदू है ही नहीं। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा को एक बार 31 प्रतिशत वोट मिले थे, दूसरी बार 36 प्रतिशत और दूसरी बार 37 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे साफ है कि 70 फ़ीसदी लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया था तो फिर भाजपा को किस बात का घमंड है।

भाजपा को चाहिए कि वह संविधान की मूल भावना के अनुसार चले, आज भाजपा और सरकार की आलोचना करने वाले को देशद्रोही कह दिया जाता है। सरकार में आलोचना सुनने का माद्दा होना चाहिए यह तमाम बातें बिहार चुनाव में नरेटिव बनेंगी।

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