भाजपा के अंतिम दौर में पीडीए समाज का अपमान

By Sabal SIngh Bhati - Editor

लखनऊ। देश के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले को लेकर जारी बयान के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीडीए समाज के प्रति अपनी आवाज उठाई है। यादव ने एक्स पर लिखा कि पीडीए समाज का अपमान करने वाले असभ्य लोग अपने दंभ और अहंकार से ग्रसित होते हैं। इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफरत को जन्म देती है, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए और समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए समान होती है। ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से पीड़ित होते हैं। उन्होंने कहा कि पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’।

यादव ने कहा कि पीडीए समाज की उदारता और भलमनसाहत 5 हजार वर्षों से ऐसे लोगों को माफ करती आई है, लेकिन अब इस हद तक अपमान के बाद पीडीए समाज और सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी अपनी सत्ता के अंतिम दौर में हैं, क्योंकि उनकी भ्रष्ट चुनावी साजिश का भंडाफोड़ हो चुका है, और वे अब कभी नहीं जीतेंगे। इसीलिए हताश होकर वे ऐसे कुकृत्य कर रहे हैं।

भाजपाई इस बार जाएंगे और फिर कभी नहीं आएंगे, क्योंकि जब आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा अपने हक-अधिकार के लिए जाग गया है, तो 10 प्रतिशत का गर्व और सिंहासन अब नहीं टिकेगा। उन्होंने कहा कि भारत के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में यह दौर अपमान बनाम सम्मान के संघर्ष का है। पीडीए अपने स्वाभिमान और स्वमान का यह अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा।

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