खंडार। करौली जिले के खंडार में तहसीलदार के फोन आने के 10 मिनट बाद बीएलओ हरिओम बैरवा की हार्ट अटैक से मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का कहना है कि लगातार दबाव के कारण हरिओम तनाव में थे। उनके पिता बृजमोहन बैरवा और पत्नी मनीषा बैरवा का आरोप है कि पिछले छह दिनों से हरिओम को खंडार तहसीलदार जयप्रकाश रोनल के फोन कॉल्स से अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ा। परिजनों के अनुसार हरिओम रोज सुबह 7 से 8 बजे काम पर निकलते थे और रात 9.10 बजे के बाद घर लौटते थे।
घर लौटने के बाद भी उन्हें देर रात 1-2 बजे तक काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इस दौरान उन्हें न तो खाने-पीने का समय मिल रहा था और न ही नींद का, जिससे वह मानसिक तनाव में थे। तहसीलदार द्वारा किए गए फोन कॉल्स की जानकारी भी परिजनों ने मीडिया से साझा की है।
परिजनों के अनुसार हरिओम को 11 नवंबर को 5:26 बजे, 10 नवंबर को 8:19 बजे, 14 नवंबर को सुबह 8:10 बजे, 17 नवंबर को प्रात: 11:50 बजे, 18 नवंबर को प्रात: 10:01 बजे और 19 नवंबर को सुबह 7:32 बजे, मौत से 10 मिनट पहले अंतिम कॉल आया। पुलिस का कहना है कि परिजन आवेदन लेकर आए थे, जिन्हें खंडार थाने भेजा गया था। खंडार थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने कहा कि परिजनों की ओर से अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। आरोप निराधार हैं। बीएलओ हरिओम बैरवा एक अच्छा सहयोगकर्ता था, उसका काम पूरा था। उसकी मौत दुखद है, लेकिन ग्रामीणों के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया गया था। मौत का कारण अलग हो सकता है।-जयप्रकाश रोनल, तहसीलदार। मैं नियमित रूप से बीएलओ की रिपोर्ट जांचती हूं। हरिओम का काम सही था। उनकी मौत आकस्मिक अटैक से हुई होगी। जब कार्य सही था तो दबाव का प्रश्न ही नहीं उठता। आरोप निराधार हैं।-वर्षा मीना, एसडीएम।

