ब्रेन ट्यूमर के मामलों में तेजी, हर लाख में 10 पीड़ित

जयपुर। ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय रहते सही इलाज मिलने से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आजकल के आधुनिक उपचार और जांच के तरीकों की मदद से न केवल मरीज की जान बचाई जा सकती है, बल्कि ब्रेन की कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता भी बनाए रखी जा सकती है। ब्रेन ट्यूमर की गंभीरता को देखते हुए, देश में हर साल एक लाख लोगों में से लगभग 5 से 10 लोग ब्रेन या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र यानी सीएनएस के ट्यूमर से ग्रसित होते हैं। सवाईमानसिंह अस्पताल सहित कई सरकारी और निजी अस्पतालों में ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है।

ब्रेन ट्यूमर का मतलब है दिमाग या उसके आस-पास की जगह में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि। ये ट्यूमर गैर कैंसर वाले या घातक कैंसर वाले हो सकते हैं, लेकिन दोनों ही खतरनाक हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कहां स्थित है और उसका आकार कितना बड़ा है। यहां तक कि अगर ट्यूमर कैंसर वाला नहीं भी है, फिर भी यदि वह दिमाग के उस हिस्से को दबा रहा है जो देखने, याद रखने, संतुलन या बोलने जैसे कार्यों को संभालता है, तो यह समस्या उत्पन्न कर सकता है।

प्रारंभिक चरण में पकड़े गए ट्यूमर छोटे होते हैं, जिनका ऑपरेशन करके पूरी तरह निकालना अधिक आसान होता है और आसपास के स्वस्थ ब्रेन टिशू को नुकसान पहुंचने का खतरा भी कम होता है। आज एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी आधुनिक इमेजिंग तकनीकों ने प्रारंभिक स्तर पर ही ट्यूमर का पता लगाना संभव बना दिया है। यदि ट्यूमर समय पर पकड़ में आ जाए, तो न्यूरोसर्जन अल्ट्रासोनिक एस्पिरेटर जैसे विशेष उपकरणों से सटीक ऑपरेशन कर सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में लगातार सिरदर्द, विशेषकर सुबह या शारीरिक गतिविधि के बाद बढ़ने वाला, अचानक देखने में परेशानी, संतुलन बिगड़ना, याददाश्त कमजोर होना, व्यवहार या मूड में बदलाव, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना और अचानक दौरे पड़ना शामिल हैं।

सिर्फ ऑपरेशन से ही इलाज पूरा नहीं होता। ट्यूमर के प्रकार के अनुसार, मरीज को आगे रेडिएशन या कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। कुछ मामलों में, जैसे कि मेलिग्नेंट ग्लायोमा केस में, मरीज को टारगेटेड थेरेपी भी दी जाती है, जो सिर्फ ट्यूमर कोशिकाओं के अंदर मौजूद विशेष बदलावों पर असर डालती है, जिससे बाकी स्वस्थ ब्रेन कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं।

Share This Article
Exit mobile version