जयपुर। राजधानी जयपुर में नाहरगढ़ अभयारण्य रेंज स्थित गुर्जर घाटी में हाल ही में हुई घटना ने मानव-वन्यजीव संघर्ष पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। यहां एक मकान में घुसे लेपर्ड को पकड़कर स्थानीय लोगों ने लाठी-डंडों से पीटा। इस दौरान लेपर्ड के हमले में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वन्यजीव विशेषज्ञों ने कहा कि लेपर्ड को लाठी-डंडों से मारना गलत है। अब यह देखना होगा कि वन विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कब कार्रवाई करेगा।
देर रात घर में घुसा लेपर्ड, दो लोगों पर हमला: स्थानीय लोगों के अनुसार, लेपर्ड गत शुक्रवार रात करीब 12 बजे घर में घुस आया और गोविंदी देवी पर हमला कर दिया। उनके पैरों में गंभीर चोट आई, जिसके चलते एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान उन्हें करीब 40 टांके आए। वहीं एक अन्य निवासी लोकेश का हाथ भी जख्मी हुआ है। वायरल वीडियो में तीन लोग लेपर्ड को कंबल में दबोचे हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि एक व्यक्ति लाठी से उसके सिर पर वार करता नजर आया।
सेल्फ डिफेंस या नियमों का उल्लंघन: वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग सक्रिय हो गया है। रेंजर रघुवेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि लेपर्ड को पीटना या मारना वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 का उल्लंघन है। सेल्फ डिफेंस में भी किसी वन्यजीव पर इस तरह से हमला नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि लेपर्ड को पीटने वालों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। सजा या जुर्माना दोनों का प्रावधान: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9 के अनुसार किसी भी जंगली जानवर को नुकसान पहुंचाना या शिकार करना दंडनीय अपराध है।
दोषी पाए जाने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। घायल लेपर्ड की तलाश जारी: वन विभाग की टीम नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र में घायल लेपर्ड की तलाश कर रही है। रविवार को भी वन टीम जंगल में लेपर्ड की तलाश करती रही। पहाड़ी पर कुछ दूर जाकर लेपर्ड के पगपार्क दिखे। वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, जहां लेपर्ड ने हमला किया था, वहां से जंगल मुश्किल से 50 मीटर की दूरी पर है।


