राज्यपाल ने शिक्षकों से की बातचीत, शिक्षा में सुधार की आवश्यकता

Tina Chouhan

अजमेर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े सोमवार को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह से पूर्व दीक्षांत समारोह करने पर बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों के लिए नैक एक्रेडिडिटेशन को अनिवार्य बताते स्पष्ट निर्देश दिए कि जो महाविद्यालय इस दिशा में प्रयास नहीं करें, उनकी संबद्धता समाप्त की जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को गुणवत्ता सुधार के लिए सभी संस्थानों को नैक प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए प्रेरित करने को कहा। विश्वविद्यालयों को अनुसंधान के माध्यम से समाज व राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करनी चाहिए।

ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी रोजगारोन्मुख बन सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि शोध कार्यों में भारतीयता का समावेश अनिवार्य रूप से होना चाहिए। नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में कुलाधिपति ने पुस्तकों के निर्माण एवं यूजीसी दिशा-निर्देशों के पूर्ण पालन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारतीय परंपरा एवं शोध की धारा को पुनर्जीवित करने में यह नीति प्रभावी सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि व्यापक शैक्षणिक सुधारों के माध्यम से ही भारत का बौद्धिक रूप से सशक्त निर्माण संभव है।

कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, नवाचारों तथा वर्तमान स्थिति का प्रस्तुतिकरण दिया और अपने कार्यकाल के दौरान किए गए प्रयासों की जानकारी साझा की। बागड़े ने विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए आय-वृद्धि के उपाय सुझाए तथा वित्तीय लेन-देन में पूर्ण पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए।

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