छठ महापर्व: सामाजिक समरसता और सादगी का प्रतीक

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरु हुए चार दिवसीय छठ महापर्व पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि सादगी और संयम का प्रतीक यह पर्व सामाजिक सछ्वाव की प्रेरणा देता है। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- नहाय-खाय के पावन अनुष्ठान के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ का शुभारंभ हो रहा है। बिहार सहित देशभर के श्रद्धालुओं को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। सभी व्रतियों को मेरा नमन और वंदन। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति का यह विराट उत्सव सादगी और संयम का प्रतीक है, जिसकी पवित्रता और नियम-निष्ठा अतुलनीय है।

इस पावन अवसर पर छठ के घाटों पर जो दृश्य दिखाई देता है उसमें पारिवारिक बंधन और सामाजिक सछ्वाव की अद्भुत प्रेरणा होती है। छठ की प्राचीन परंपरा का हमारे समाज पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। विश्व के कोने कोने में छठ को संस्कृति के महाउत्सव के रूप में मनाये जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में रहने वाले भारतवंशी परिवार इसकी परंपराओं में पूरी आत्मीयता से सम्मिलित होते हैं। उन्होंने कहा- मेरी कामना है कि छठी मइया सबको अपना भरपूर आशीर्वाद दें।

मोदी ने कहा कि छठ महापर्व आस्था, उपासना और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा संगम है। इसमें जहां अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्यदेव को अघ्र्य दिया जाता है, वहीं प्रसाद में भी प्रकृति के विविध रंग समाहित होते हैं। छठ पूजा के गीत और धुनों में भी भक्ति और प्रकृति का अद्भुत भाव भरा होता है। प्रधानमंत्री ने कहा- मेरा सौभाग्य है कि कल ही मुझे बेगूसराय जाने का अवसर मिला था। बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी का बेगूसराय से आत्मीय रिश्ता रहा है।

शारदा सिन्हा जी और बिहार के कई लोक कलाकारों ने अपने गीतों से छठ के उत्सव को एक अलग भाव से जोड़ा है। मोदी ने अपनी पोस्ट के साथ छठी मइया के कुछ गीत भी साझा किए हैं और कहा है कि इन्हें सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी छठ महोत्सव के प्रारंभ नहाय-खाय पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं और परंपरा, आस्था और सामाजिक समरसता के उत्सव पर छठ मैया से सभी के सुख और समृद्धि की प्रार्थना की है।

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