अनूपगढ़। शहर के वार्ड नंबर 14 में धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। आरोपी ने 11 वर्षों में 454 हिंदुओं को ईसाई बनाने की बात स्वीकार की है। आरोपी ने बताया कि फ्रेंड्स मशीनरी प्रेयर बैंड संगठन उसे हर साल 20 हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का लक्ष्य देता था। इसके लिए उसे 9 हजार रुपए महीने और भत्ते मिलते थे। एसएचओ ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3 बजे गांव 24 एपीडी के संदीप ने थाने में धर्म परिवर्तन की शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी पौलुस बारजो और आर्यन को गिरफ्तार किया। आरोपी के घर से रजिस्टर मिले हैं, जिनमें धर्मांतरण किए गए लोगों के नाम और अन्य जानकारी है। पूछताछ में पौलुस बारजो ने बताया कि उसने 454 हिंदुओं को शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराया। पौलुस झारखंड के गांव कटिंगगेल का निवासी है। वह 1995 में हिंदू से ईसाई बना था। उसके बड़े भाई ने भी ईसाई धर्म अपनाया है। ईसाई बनने के बाद वह 2003 में चेन्नई के एफ एमपीबी संगठन से जुड़ा।
इसके लिए उसका इंटरव्यू हुआ और संगठन ने उसे ट्रेनिंग के लिए झांसी भेजा। एक साल की ट्रेनिंग के बाद उसे सबसे पहले राजस्थान के सीकर जिले में भेजा गया। 2008 में वह अनूपगढ़ आया और 2016 तक वहीं रहा। इसके बाद वह अन्य राज्यों में चला गया। 2022 में वह फिर अनूपगढ़ आया और वर्तमान में विनोद के घर रह रहा था। संगठन ने उसे हर साल 20 लोगों को ईसाई बनाने का लक्ष्य दिया था।
संदीप ने कहा कि 20 दिन पहले पौलुस ने उसे कहा कि अगर वह ईसाई धर्म अपनाता है तो प्रभु उस पर कृपा करेंगे और उसकी शादी हो जाएगी। उन्हें बहलाकर प्रेम नगर की नहर पर ले जाकर पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बना दिया। इसके बाद ये तीनों अन्य हिंदुओं को ईसाई धर्म में लाने के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे। जब वह ज्यादा प्रताड़ित हुआ तो उसने पुलिस और विश्व हिंदू परिषद सहित कुछ अन्य लोगों को इनके बारे में बताया।