नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार (12 सितंबर 2025) को कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध केवल राजधानी दिल्ली तक सीमित नहीं रहना चाहिए। अदालत ने टिप्पणी की कि स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त हवा का अधिकार देश के हर नागरिक को है, न कि केवल “अभिजात वर्ग” वाली दिल्ली को। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर सरकार पटाखों पर रोक लगाने का विचार करती है तो यह नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस उद्योग से जुड़े गरीब और छोटे कामगारों की आजीविका सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाया—”क्या सिर्फ इसलिए कि सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में है या यह राजधानी है, यहां की हवा साफ होनी चाहिए और बाकी शहरों के लोग प्रदूषण झेलें?”

