आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान मोंथा का तट पर आक्रमण

By Sabal SIngh Bhati - Editor

अमरावती: बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवाती तूफान अब अधिक तीव्र हो गया है। जानकारी के अनुसार, चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकरा चुका है। आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने बताया कि चक्रवात ‘मोंथा’ के तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। तटीय जिलों में बारिश और तेज आंधी चल रही है। उन्होंने कहा, “चक्रवात टकराना शुरू हो गया है।

तटीय जिलों में आंधी के साथ बारिश हो रही है।” जैसे-जैसे यह तूफान जमीन के करीब पहुंचेगा, इसकी तीव्रता बढ़ती जाएगी। मोंथा तेजी से आगे बढ़ रहा है। जैन ने बताया कि पिछले छह घंटों में चक्रवात 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ा और शाम तक यह विशाखापत्तनम से लगभग 560 किलोमीटर दूर था, और मंगलवार सुबह तक इसके गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।

उन्होंने कहा, “चक्रवाती तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात में एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में काकीनाडा के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है।” जैन ने तटीय जिलों के निवासियों से सतर्क रहने और सुरक्षा परामर्श का पालन करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने सीएम को फोन कर ली जानकारी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि पीएम मोदी ने चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने के लिए राज्य को हरसंभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया है।

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा मंगलवार सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दिन में फोन कर चक्रवात की तीव्रता और उठाए जा रहे एहतियाती कदमों की जानकारी ली। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा उठाए गए राहत और एहतियाती कदमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम ने अधिकारियों संग की बैठक। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने चक्रवात को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।

एक विज्ञप्ति के अनुसार, “मुख्यमंत्री ने उन स्थानों पर अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए जहां बारिश और बाढ़ की आशंका है। उन्होंने अधिकारियों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए नहरों के किनारों को मजबूत करने को कहा है।” नायडू ने अधिकारियों को चक्रवात की गति पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि चक्रवात के प्रभाव के कारण कृष्णा जिले में सोमवार से दो दिन तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।

इसी तरह, गुंटूर, बापटला, एनटीआर, पालनाडु और पश्चिम गोदावरी जिलों में भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया है। अधिकारियों को सचेत रहने के निर्देश। मुख्यमंत्री के अनुसार, समुद्र में गए सभी मछुआरों को वापस किनारे पर लाया गया। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ, पंचायत राज इंजीनियरिंग टीम, सड़क एवं भवन अधिकारियों तथा विद्युत विभाग के अधिकारियों को चक्रवात के बाद आवश्यक कदमों के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने नायडू को बताया कि मिट्टी हटाने वाली 851 मशीनों (अर्थमूवर) और 757 ‘पावर सॉ’ तैयार रखे गए हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चक्रवात राहत उपकरणों की सूची पहले ही तैयार रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अधिकारी लोगों को सचेत करें और चक्रवात के दौरान बाहर न निकलने की सलाह दें, तथा जान-माल की हानि को रोकने के लिए आवश्यक एहतियाती उपाय करें। उन्होंने चक्रवात के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ ऑनलाइन बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा दल आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ राहत आश्रय स्थलों में गुणवत्तापूर्ण भोजन भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए तथा राहत शिविरों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 3,000 रुपये नकद, 25 किलोग्राम चावल और अन्य आवश्यक वस्तुएं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेयजल संकट रोकने के लिए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जल स्रोत दूषित न हों। नायडू ने इसके अलावा अधिकारियों को विजयवाड़ा, मंगलागिरी और विशाखापत्तनम में जलभराव से बचने के लिए जल निकासी व्यवस्था की निगरानी करने और भूस्खलन रोकने के उपाय करने के लिए कहा। कल काकीनाडा से गुजरेगा मोंथा।

मौसम विभाग के अनुसार, मौसम प्रणाली उत्तर/उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और 28 अक्टूबर की शाम व रात के दौरान गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में मछलीपत्तनम और कलिंगपत्तनम के बीच काकीनाडा के पास से गुजरने का अनुमान है, जिसमें हवा की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इस बीच, सरकार ने एनटीआर, तिरुपति, प्रकाशम, कोनसीमा, अनकापल्ली, राजमुंदरी, बापटला, अन्नमय्या और एलुरु जिलों में एसडीआरएफ की टीम तैनात की है।

Share This Article
Exit mobile version