दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएम मोदी की डिग्री को सार्वजनिक करने से किया इनकार

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिग्री विवाद के मामले में केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने 27 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि वो कोर्ट को डिग्री दिखा सकती है लेकिन किसी अजनबी को नहीं। दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एक वैसे छात्र की डिग्री मांगी जा रही है जो आज देश का प्रधानमंत्री है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। यूनिवर्सिटी हर साल का रजिस्टर मेंटेन करती है। याचिकाकर्ता ने यह दी थी दलील। इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि सूचना के अधिकार के तहत किसी छात्र को डिग्री देना निजी कार्य नहीं बल्कि एक सार्वजनिक कार्य है। सूचना के अधिकार कानून के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी एक सार्वजनिक प्राधिकार है। ऐसे में सूचना मांगने वाले की नीयत के आधार पर किसी की डिग्री की सूचना देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने किया था इनकार।

दरअसल आम आदमी पार्टी से जुड़े नीरज शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय से मोदी की डिग्रियों की जानकारी मांगी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसे निजी जानकारी बताते हुए साझा करने से इनकार कर दिया था। विश्वविद्यालय के मुताबिक इससे कोई सार्वजनिक हित नहीं पूरा होता है। उसके बाद नीरज शर्मा ने केंद्रीय सूचना आयोग का रुख किया जिसने दिल्ली विश्वविद्यालय के सूचना अधिकारी मीनाक्षी सहाय पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। आयोग ने डिग्री से संबंधित जानकारी देने का भी आदेश दिया।

केंद्रीय सूचना आयोग के इसी फैसले के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था।

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