नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस के जॉइंट सेक्रेटरी मनमोहन वैद्य की किताब ‘हम और यह विश्व’ के विमोचन के मौके पर शनिवार को पहुंचे। यह पहला अवसर था जब धनखड़ अपने इस्तीफे के बाद किसी कार्यक्रम में शामिल हुए। उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लगभग 4 महीने बाद जगदीप धनखड़ ने पहली बार कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी पहली सार्वजनिक स्पीच दी, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे के बारे में कई बातें इशारों में कहीं।
धनखड़ ने कहा कि, “ऐसा समय है जिसमें कुछ लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं, मैं फ़्लाइट पकड़ने की चिंता से अपना कर्तव्य नहीं छोड़ सकता… और मेरा हाल का इतिहास इसका उदाहरण है।” पूर्व उप-राष्ट्रपति ने आरएसएस की प्रशंसा की और उनकी विचारधारा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि, आज के स्वार्थी समाज में केवल भारत ही दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है और इसके लिए देश को अपनी 6000 साल पुरानी परंपराओं और सभ्यताओं से मिले अनुभव का लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि देशवासियों के मन में आरएसएस के प्रति कई गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है। कुछ स्वार्थी लोग संघ पर निराधार आरोप लगाते हैं, लेकिन मनमोहन वैद्य की यह किताब मिथकों को तोड़ेगी और असली आरएसएस का दर्शन प्रस्तुत करेगी। धनखड़ ने नैरेटिव का जिक्र करते हुए कहा कि, आज की दुनिया और पीढ़ी नैरेटिव के अनुसार जी रही है। अगर आप गलती से भी इसके चक्कर में पड़ गए तो आप फंसते चले जाएंगे और कभी बाहर नहीं निकल पाएंगे।

