धौलपुर। एसीबी भरतपुर के एएसपी अमित सिंह के नेतृत्व में एसीबी की टीम ने गुरुवार को नगर परिषद धौलपुर में छापेमार कार्रवाई की। जिसमें टीम ने 3 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए परिषद के 5 अधिकारियों- कर्मचारियों एवं संविदा कर्मी को गिरफ्तार किया है। रिश्वत की राशि नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा, एईएन प्रिया झा और कैशियर भरत द्वारा मांगी गई थी। एसीबी भरतपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि पिछले साल नगर परिषद में एक ठेकेदार ने अपनी पत्नी को ठेका दिलवाया था। जिसका 13 लाख रुपए का भुगतान बकाया था।
बकाया बिल के भुगतान के एवज में आयुक्त अशोक शर्मा ने 2 लाख रुपए, एईएन प्रिया झा ने 70 हजार रुपए और कैशियर भरत ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। सिंह ने बताया कि गुरुवार को रिश्वत राशि मांगने वाले सभी अधिकारी कर्मचारियों को रंगे हुए रुपए दिलवाए गए। कमिश्नर ने अपने रुपए बाबू नीरज और ड्राइवर देवेंद्र को दिलवा दिए। एईएन प्रिया झा ने संविदा पर कार्यरत कर्मचारी हरेंद्र को रिश्वत की राशि दिलवा दी। कैशियर भरत ने खुद पैसे ले लिए। इसके बाद टीम ने छापेमारी की।
अमित सिंह ने बताया कि रिश्वत लेने के आरोप में एईएन प्रिया झा, क्लर्क नीरज, ड्राइवर देवेंद्र, कैशियर भरत और संविदाकर्मी हरेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। जिन लोगों ने रिश्वत की राशि ली, उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। वहीं परिषद के आयुक्त अशोक शर्मा की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध है। समाचार लिखे जाने तक आयुक्त के दौसा स्थित आवास पर एसीबी की कार्रवाई चल रही है। कमिश्नर की भूमिका संदिग्ध एडिशनल एसपी ने बताया कि आयुक्त अशोक शर्मा ने रिश्वत के 2 लाख रुपए क्लर्क नीरज और ड्राइवर देवेंद्र को दिलवाए थे।
जो पैसे लेकर गाड़ी से फ्लाईओवर की ओर भागने लगे। जिनका पीछा कर उन्हें पकड़ लिया गया। क्लर्क और ड्राइवर ने आयुक्त के नाम पर रिश्वत ली थी। जिसके चलते कमिश्नर की भूमिका संदिग्ध है। नगर परिषद धौलपुर के भ्रष्टाचार की बहुत ज्यादा शिकायतें आ रही थी। जिसे लेकर टीम की ओर से गुरुवार को धौलपुर में कार्रवाई की गई है। एक साथ पांच लोगों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना टीम की बड़ी सफलता है। हम आगे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी तरह कार्रवाई करते रहेंगे।- राजेश सिंह, डीआईजी, एसीबी जयपुर

