डोडो पक्षी का पुनर्जन्म: 300 साल बाद लौटने की संभावना

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। क्या वो पक्षी जो 300 साल पहले दुनिया से लुप्त हो गया था, वो अब फिर लौटने जा रहा है? वैज्ञानिकों का जवाब है-हां। करीब 300 साल पहले डोडो पक्षी इस धरती से खत्म हो गए थे। लेकिन टेक्सास की एक कंपनी के वैज्ञानिक फिर से इन्हें धरती पर लाने की कोशिशों के जुटे हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि डोडो पक्षी को फिर से जिंदा करने के वे बेहद करीब हैं। अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ विज्ञान बल्कि वाइल्डलाइफ की दुनिया में भी यह नया चमत्कार होगा।

कोलॉसल बायो-साइंसेज नाम की कंपनी ने दावा किया है कि रिसर्चर्स ने पहली बार कबूतर के प्राइमॉर्डियल जर्म सेल्स तैयार कर लिए हैं। इन्हीं सेल्स के जरिए शुक्राणु और अंडाणु बनते हैं। कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक बेन लैम की मानें तो वैज्ञानिकों ने ऐसा कल्चर तैयार कर लिया है, जिनमें कबूतर के पीजीसीएस लंबे समय तक जिंदा रहते हैं। यह डोडो पक्षी को फिर से जिंदा करने में अहम कदम है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो दुनिया से लुप्त हुए कई पशु-पक्षियों को वापस जिंदा करने की उम्मीद जग सकती है।

आखिरी डोडो पक्षी को 1662 में मॉरीशस द्वीप में देखा गया था। यह पक्षी उड़ नहीं सकता है। इसके बाद से इसे विलुप्त प्रजाति मान लिया गया था। माना जा रहा है कि अब फिर से हमें डोडो पक्षी दिखाई देंगे। करीब 20 साल पहले इस सेल कल्चर की प्रक्रिया को मुर्गियों के लिए तैयार किया गया था। दुर्भाग्य से यह किसी दूसरे पक्षी पर कभी काम नहीं आई। यहां तक कि मुर्गियों के बेहद करीब माने जाने वाली बटेरों पर भी नहीं।

लेकिन कोलॉसल की खोज कबूतरों पर काम कर रही है और इससे डोडो प्रोजेक्ट को नई उम्मीद मिली है। हालांकि इसके लिए 5 से 7 साल का इंतजार करना होगा।

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