केंद्र सरकार पर डोटासरा और जूली का आरोप: आरटीआई को कमजोर कर रही है

जयपुर। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राइट टू इनफार्मेशन कानून पर केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि वह आरटीआई कानून को कमजोर कर रही है। डोटासरा और जूली ने पीसीसी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि राइट टू इनफार्मेशन कानून का जो उद्देश्य था, वह अब पूरा नहीं हो रहा है। यह चिंता का विषय है, क्योंकि 2014 से जब से एनडीए सरकार आई है, तब से आरटीआई कानून पर हमले हो रहे हैं और इसे कमजोर करने की दिशा में प्रयास जारी हैं।

डोटासरा ने कहा कि 2019 में इस कानून में संशोधन किया गया और 2023 में डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन अधिनियम के तहत निजी जानकारी देने से इनकार किया गया। इस संशोधन की आड़ में गोपनीय जानकारी नहीं दी जा रही है, जो भ्रष्टाचार रोकने या आम व्यक्ति के लिए आवश्यक है। जनहित में जानकारी उजागर होनी चाहिए, लेकिन सरकार ने संशोधन कर इसे कमजोर कर दिया है। आरटीआई के माध्यम से विधायक-सांसद कोष, मनरेगा और अन्य योजनाओं की जानकारी आम जनता को मिलती थी, लेकिन अब इसे कमजोर किया गया है।

केंद्रीय सूचना आयोग को भी कमजोर किया जा रहा है। डोटासरा ने व्हीसल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी कोई पालना नहीं हो रही है। आरटीआई के कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया जाता है, ईडी, आयकर और सीबीआई के छापे मारकर उन्हें डराया जाता है। उन्होंने 2019 के संशोधन को वापस लेने की मांग की। वहीं, अंता उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के नाम की घोषणा न होने पर डोटासरा ने कहा कि भाजपा के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है। उपचुनाव में उनकी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी।

जूली ने आरटीआई कानून को लोकतंत्र की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने इसे पारदर्शिता के लिए लाया था, ताकि सरकारी योजनाओं का पैसा कहां खर्च हो रहा है, इसका हिसाब जनता को मिले। राजस्थान में सबसे पहले आरटीआई की शुरुआत हुई और फिर यूपीए सरकार ने इसे देशव्यापी बनाया। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के प्रयासों से यह कानून अस्तित्व में आया। भाजपा सरकार आरटीआई को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने विधानसभा में हिडन कैमरों की जानकारी आरटीआई से मिलने का उदाहरण दिया।

आरटीआई ने बड़े घोटाले उजागर किए हैं और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाया है। यह कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया एक मजबूत कानून था, जिसे कमजोर करना जनता के साथ विश्वासघात है।

Share This Article
Exit mobile version