द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान से है आध्यात्मिक रिश्ता

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जयपुर, 24 जून () । एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान के साथ एक मजबूत आध्यात्मिक बंधन है, क्योंकि वह माउंट आबू की नियमित आगंतुक रही हैं।

ओडिशा के संथाल आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया है। 2009 से 2015 के बीच महज छह साल में मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया।

रिपोटरें के अनुसार, उस समय के दौरान द्रौपदी मुर्मू ब्रह्म कुमारियों की ध्यान तकनीकों की एक गहरी अभ्यासी बन गईं, एक आंदोलन जो उन्होंने अपने व्यक्तिगत नुकसान के बाद किया।

द्रौपदी मुर्मू  13 साल पहले माउंट आबू में ब्रह्म कुमारी संस्थान से जुड़ी थीं।

यह लगभग 13 साल पहले की बात है जब वह पहली बार माउंट आबू में ब्रह्म कुमारी संस्थान से जुड़ी थीं। समय के साथ, इस संस्था के साथ उनके संबंध मजबूत हुए और उन्होंने तनाव दूर करने के लिए राज योग सीखा। दरअसल, वह संस्थान के कई कार्यक्रमों का हिस्सा रह चुकी हैं।

द्रौपदी मुर्मू का ब्रह्माकुमारी संस्थान से रहा है गहरा लगाव

2009 में वह पहली बार यहां आई और राजयोग सीखा। तब से वह लगातार संस्थान के संपर्क में हैं।

जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं, तब वह दो बार ब्रह्म कुमारी संस्थान का दौरा कर चुकी थीं।

8 फरवरी, 2020 को उन्होंने यहां वैल्यू एजुकेशन फेस्टिवल में हिस्सा लिया था।

मुर्मू को एनडीए का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से संस्थान के सदस्य खुश हैं। बी.के. ब्रह्म कुमारी संस्थान के कार्यकारी सचिव मृत्युंजय ने नामांकन के बाद उन्हें फोन कर बधाई दी थी।

देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बनने से पहले ब्रह्मकुमारी संस्थान भी गई थीं।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times
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