उत्तर प्रदेश में हर जिले में औषधि निरीक्षक की नियुक्ति का निर्णय

हाल ही में देश के कई राज्यों में नकली दवाइयों के मामलों को देखते हुए, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं की बिक्री पर नियंत्रण लगाने का आश्वासन दिया है। इसके लिए जांच का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मध्य प्रदेश में हाल ही में कफ सिरप कोल्ड्रिफ पीने से 26 बच्चों की मौत के बाद, उत्तर प्रदेश ने भी सख्ती का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को हर जिले में औषधि नियंत्रण अधिकारी के नए पद को सृजित करने की सहमति दी। उन्होंने कहा कि सरकार नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं की बिक्री को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में औषधि निरीक्षण अधिकारी के जिम्मे जांच का कार्य होता है, लेकिन हाल ही में सामने आए मामलों में पता चला कि 13 जिलों में औषधि निरीक्षक की कमी है। कई निरीक्षक दो-दो जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रदेश में औषधि नियंत्रक के 32 पद खाली हैं।

मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और औषधि निरीक्षक के पदों को दोगुना करने के निर्देश दिए। अब हर जिले में एक औषधि नियंत्रण अधिकारी तैनात रहेगा, जिससे नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं की बिक्री पर नियंत्रण पाया जा सके।

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