ईडी ने अवैध ऋण ऐप्स मामलों में पीएमएलए के तहत 859.15 करोड़ रुपये जब्त किए: वित्त राज्य मंत्री

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 7 फरवरी ()। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को आरबीआई की विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा उपयोग किए जा रहे डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स (डीएलए) की एक सूची प्रस्तुत की है, जिसने बदले में संबंधित मध्यस्थ (ऐप स्टोर) के साथ सूची साझा की है और उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि केवल सूची में शामिल ऐप्स ही उनके ऐप स्टोर पर होस्ट किए जाएं।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत किसानराव कराड ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। मंत्री ने अवैध ऋण ऐप के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे को हल करने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पीएमएल अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने का काम सौंपा गया है।

कराड ने कहा कि ईडी ने कई मामलों में पीएमएलए के तहत जांच शुरू की है, जहां अवैध ऋण ऐप के जरिए आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा अपराध की आय अर्जित की गई है। इन मामलों में, मंत्री ने कहा कि अब तक लगभग 2,116 करोड़ रुपये के अपराध की आय की पहचान की गई है, जिसमें से 859.15 करोड़ रुपये की अपराध की आय को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कुर्क/जब्त/फ्रीज किया गया है।

इसके अलावा, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 37ए के तहत 289.28 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। अधिक जानकारी देते हुए कराड ने कहा कि आरबीआई ने अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के दायित्व पर मास्टर परिपत्र जारी किया है।

इस परिपत्र के तहत, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सलाह दी गई है कि वह खाते खोलने और संदिग्ध प्रकृति के लेनदेन की निगरानी के लिए कुछ ग्राहक पहचान प्रक्रियाओं का पालन करें ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इसके दुरुपयोग से बचा जा सके और इसकी सूचना उपयुक्त प्राधिकारी को दी जा सके।

केसी/

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times