चेन्नई, 5 जनवरी ()। पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के खनन और भूविज्ञान विभाग द्वारा कोयंबटूर जिले की थडगाम घाटी में बंद किए गए 177 ईंट भट्ठों को फिर से खोलने की अनुमति देने के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है।
एनजीओ ग्रीन एक्शन का नेतृत्व कर रहे एक कार्यकर्ता परमासिवम राधाकृष्णन ने से बात करते हुए कहा, ये ईंट भट्टे वन क्षेत्रों के करीब हैं और अब खनन और भूविज्ञान विभाग ने कोयंबटूर जिला कलेक्टर द्वारा बंद किए गए 177 भट्टों को खोलने की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता और समाज की देखभाल करने वाले लोग इस कदम के खिलाफ एकजुट हो गए हैं और कहा कि ईंट भट्टों को फिर से बंद करने तक विरोध जारी रहेगा।
हालांकि, खनन विभाग के सूत्रों ने को बताया कि ये ईंट भट्ठे कई लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और ईंटों की कमी के कारण कोयंबटूर और आस-पास के जिलों में ईंटों की कीमत अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि पर्यावरण अध्ययन विभाग द्वारा कड़ी जांच की जाएगी और अगर कुछ गलत होता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
इरुला समुदाय के एक 34 वर्षीय मजदूर करुप्पन ने से बात करते हुए कहा, जहां तक मेरा मानना है, ईंट भट्टों को फिर से खोलने का मतलब है कि हमें और हमारे परिवार को दिन में तीन बार भोजन मिलेगा। हम चाहते हैं कि सरकार इसके किसी भी विरोध को रोके और हमें अपने परिवार और खुद का समर्थन करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दे।
निदेशक खनन एवं भूविज्ञान ने ईंट भट्ठों पर जुर्माने की राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी थी।
कोयम्बटूर जिले के वीरपंडी, नंजुंदापुरम, चिन्ना थडगाम और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित इन ईंट भट्ठों में कई प्रवासी मजदूर काम करने के लिए वापस आ गए हैं।
देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।