राजसमंद में वाणी के संयम की कमी से टूट रहे परिवार

राजसमंद के गीगा खेड़ा कोटडी भीलवाड़ा के कथा मर्मज्ञ पंडित मुकेश शास्त्री ने कहा कि व्यक्ति को बोलने से पहले काफी सोच समझना चाहिए। इसके बाद ही मुख से वाणी निकालनी चाहिए, क्योंकि इस वाणी के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ था। अगर द्रौपदी ने दुर्योधन को अंधा कहने से पहले सोचा होता तो शायद स्थिति अलग होती।

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