खानपुर। किसान मेहनत करके अपनी फसल तैयार करते हैं और दिन-रात फसल की पैदावार को लेकर चिंतित रहते हैं। वे खाद और बीज को नगद या उधार लेकर फसल तैयार करते हैं, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा के कारण उनकी फसल बर्बाद हो जाती है, तो वे बीमा क्लेम के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं, फिर भी फसल मुआवजा अधर में लटक जाता है। फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक छलावा बन गई है।
सहकारी समितियों या सरकारी और निजी बैंकों से किसान फसल ऋण या किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण लेते हैं, और उनकी प्रीमियम राशि उनके खाते से जमीन के रकबे के अनुसार रबी और खरीब दोनों के लिए अलग-अलग काटी जाती है। जब प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बारिश, आग, तूफान, या ओलावृष्टि के कारण फसल खराब होती है, तो किसानों को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर या ऐप के माध्यम से खेत पर जाकर फोटो अपलोड करने होते हैं।
वाट्सएप नंबर पर भी सूचना दी जा सकती है। इसके बाद बीमा कंपनियों के सर्वेयर, कृषि विभाग और राजस्व विभाग का सर्वे किया जाता है। लेकिन किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसान फसल बोने के लिए पैसे उधार लेते हैं और खेती करते हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण जब फसल खराब हो जाती है, तो उन्हें मुआवजे के लिए इधर-उधर चक्कर काटने पड़ते हैं। सोयाबीन की फसल प्राकृतिक प्रकोप से बिगड़ चुकी है और किसान परेशान हैं। दीपावली का त्योहार भी कैसे मनाएंगे।
क्लेम किया है तो तुरंत मिलना चाहिए।- उग्रसेन नागर किसान। अभी हमने जो सोयाबीन फसल बोई है, उसमें हमारी जितनी आमद लग रही है, वह भी पूरी नहीं आ रही है। फायदा तो दूर की बात है, त्योहार सर पर हैं, कैसे मनाएंगे। किसानों को तुरंत बीमा राशि मिले। – सत्यनारायण मौर्य, किसान। सोयाबीन की फसल प्राकृतिक प्रकोप से बिगड़ चुकी है और जितनी सोयाबीन निकल रही है, वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। जो क्लेम राशि काटी जाती है, वह हमें प्रदान करने का कष्ट करें। – नरेंद्र मालव, किसान।
प्राकृतिक प्रकोप से सोयाबीन फसल नष्ट हो चुकी है, जिससे किसान चिंतित हैं। समस्या का समाधान होना चाहिए। – रमेश मेहता, किसान। प्राकृतिक प्रकोप से फसलें चौपट हो चुकी हैं। किसानों को फसल खराबा मुआवजा मिलना चाहिए। – पपला गुर्जर, किसान। अभी सर्वे चल रहा है। फसल कटाई प्रयोग में सभी जगह लगभग नुकसान आ रहा है, तो सभी किसानों को बीमा क्लेम मिलेगा। कार्य प्रगति पर है। – ललित मीणा, जिला कृषि समन्वयक, झालावाड़।

