फास्टैग प्रणाली में सुधार के लिए नए दिशा-निर्देश जारी

जयपुर। फास्टैग सिस्टम को और पारदर्शी बनाने के लिए 2 बड़े बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एक ओर 15 नवंबर से यूपीआई पेमेंट सिस्टम लागू करने की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है। वहीं दूसरी ओर लूज फास्टैग उपयोगकर्ताओं पर एनएचएआई ने सख्ती बढ़ा दी है। हर दिन ऐसे लूज फास्टैग को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है। इसके लिए टोल कंपनियां एनएचएआई को सूचना भेज रही हैं। एनएचएआई ने फास्टैग के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि लूज फास्टैग सिस्टम को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

तीन महीने पहले शुरू की गई इस सख्ती के अब परिणाम सामने आने लगे हैं। एनएचएआई का मानना है कि कुछ उपयोगकर्ता एक ही टैग को कई गाड़ियों में इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जिससे डेटा मिसमैच और टोल सिस्टम में गड़बड़ी होती है। फास्टैग से जुड़ी अहम जानकारी: सालाना पास की कीमत- 3000 रुपए (200 टोल क्रॉसिंग), उपलब्ध बैंक- एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस, कोटक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म- पेटीएम, एमेज़ोन, गूगल पे, आवश्यक दस्तावेज- आईडी प्रूफ और वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड।

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