कोटा। दिया तले ही अंधेरा… यह कहावत तो सभी ने सुनी है लेकिन इसका साक्षात उदाहरण है शहर का प्रमुख जे.के. लोन अस्पताल। सरकारी अस्पताल होने के बावजूद वहां आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। इसका खुलासा निगम की फायर टीम द्वारा पिछले दिनों किए गए निरीक्षण में हुआ। जयपुर के एसएमएस अस्पताल स्थित ट्रोमा सेंटर में गत दिनों हुई आग लगने की घटना के बाद कोटा में भी जिला प्रशासन व निगम का फायर अनुभाग सक्रिय हुआ है। घटना के अगले ही दिन की गई अस्पतालों की जांच में मिली कमियां अभी तक नहीं सुधरी हैं।
निगम की फायर टीम ने अस्पताल की पुरानी व नई ओपीडी बिल्डिंग में आग से सुरक्षा के इंतजामों को देखा तो वहां अनियमितताएं पाई गईं। नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण के सीएफओ राकेश व्यास के नेतृत्व में अग्निशमन अधिकारी अमजद खान, अजहर मोहम्मद व सहायक अग्निशमन अधिकारी सीता चौपदार व अन्य कर्मचारियों ने जे.के. लोन अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की जांच की। सीएफओ व्यास ने बताया कि अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम कार्यशील अवस्था में नहीं पाया गया। हॉज बॉक्स के सामने कर्मचारी के बैठने की सीट लगा रखी है लेकिन वहां प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं।
निकास द्वार पर अनावश्यक सामान एकत्र किया हुआ है। वहीं स्मॉक डिटेक्टर भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। 7 दिन में सुधार के लिए सुझाव सीएफओ व्यास ने बताया कि तीनों अस्पतालों में निरीक्षण के दौरान अग्निशमन से संबंधित अनियमितताएं पाई गईं। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को 7 दिन में फायर उपकरण कार्यशील अवस्था में रखने के सुझाव दिए गए। गौरतलब है कि जयपुर की घटना के बाद गत दिनों जिला कलक्टर ने शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों की बैठक ली थी।
जिसमें उन्हें अपने यहां अग्निशमन सुरक्षा संबंधी पुख्ता इंतजार रखने और फायर टीम को निरीक्षण के निर्देश दिए थे। निर्देशों की पालना नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई को भी कहा था। उसी के तहत यह कार्रवाई की गई। नई बिल्डिंग में भी कमियां सीएफओ व्यास ने बताया कि वहीं जे.के. लोन न्यू आईपीडी हॉस्टिपल में अग्निशमन उपकरण तो स्थापित हैं लेकिन यहां भी प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मचारी नहीं लगाए गए हैं। साथ ही स्मॉक डिटेक्टर भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। हाईडेंट सिस्टम में पानी का प्रेशर कमजोर है।
इसी तरह डीलक्स, न्यू कॉटेज वार्ड व फीमेल मेडिकल वार्ड कुछ उपकरण कार्यशील अवस्था में नहीं पाए गए। लिफ्ट के अंदर रोशनी अपर्याप्त है। एक जगह पर फायर हाईडेंट सिस्टम को रस्सी से बांधा हुआ है।
