भोपाल में देश का पहला कचरा कैफे शुरू किया गया है, जिसका शुभारंभ महापौर मालती राय ने किया। यह कैफे शहर के 10 नंबर मार्केट में खोला गया है। यहां लोग पुराने अखबार, किताबें, कार्टन, ई-वेस्ट और कपड़े देकर घर की जरूरत का सामान खरीद सकते हैं। उद्घाटन के दौरान महापौर ने अपने घर की 4 किलो रद्दी यहां बेची, जिसके बदले उन्हें 15 रु प्रति किलो के हिसाब से 60 रु के पॉइंट्स मिले। इन पॉइंट्स से वे कभी भी सामान खरीद सकती हैं।
नगर निगम का यह प्रयास रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने और कचरे से कमाई का अवसर देने के लिए किया गया है। कैसे काम करता है? शहर के लोग अपना कागज, प्लास्टिक, ई-वेस्ट, बोतलें, टायर और पुराने एसी जैसे कबाड़ बनाए गए केंद्रों पर दे सकते हैं। यहां कचरे को बेकार समझने के बजाय, लोगों को उसके बदले डिजिटल कॉइन दिए जाते हैं। ये कॉइन कचरे के प्रकार और वजन के आधार पर मिलते हैं। बाद में इन कॉइन से लोग खाना, चाय, कॉफी या मिठाई जैसी चीजें पार्टनर कैफे में ले सकते हैं।
खास बात यह है कि यहां कचरे का रेट सामान्य बाजार से ज्यादा दिया जाता है, ताकि लोग रीसाइक्लिंग के लिए और ज्यादा प्रेरित हों। लोग अपने घर से ही कचरा उठवाने के लिए टाइम तय कर सकते हैं, जिससे हर परिवार आसानी से इसमें हिस्सा ले सकता है। भोपाल नगर निगम ने शहर में तीन जगहों – 10 नंबर मार्केट की फुलवारी, बिट्टन मार्केट और बोट क्लब पर कचरा कैफे केंद्र खोले हैं। यहां जाकर आप प्लास्टिक, कागज, इलेक्ट्रॉनिक या बिजली से जुड़े कचरे के बदले भोजन या जरूरी सामान ले सकते हैं।
अगर कोई नकद लेना चाहे, तो ये कैफे, बाजार से 5 रु ज्यादा कीमत पर कचरा खरीदेगा। कचरा कैफे में क्या है कीमत?
कागज – 15 रु प्रति किलो, किताबें और कॉपियां – 14 रु प्रति किलो, कार्टन – 15 रु प्रति किलो, दूध के पैकेट – 12 रु प्रति किलो, हार्ड प्लास्टिक (जैसे जार आदि) – 14 रु प्रति किलो, सॉफ्ट प्लास्टिक (पॉलीथिन आदि) – 20 रु प्रति किलो, ई-वेस्ट (पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान) – 50 रु प्रति किलो, टायर (दो या चार पहियों वाले) – 10 रु प्रति किलो, बेवरेज कैन (सॉफ्ट ड्रिंक कैन) – 90 रु प्रति किलो, एल्यूमिनियम – 120 रु प्रति किलो, लोहा – 30 रु प्रति किलो, पीतल – 400 रु प्रति किलो, तांबा – 600 रु प्रति किलो, एयर कंडीशनर (1 से 5 टन तक) – 1,000 रु से 3,000 रु प्रति पीस, बड़ी बैटरियां – 400 रु प्रति पीस।

