बपावरकलां में अंतिम यात्रा की कठिनाइयाँ और प्रशासन की अनसुनी

बपावरकलां में बरसात के बाद श्मशान घाट तक जाने का रास्ता इतना खराब है कि पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। किसी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार के लिए श्मशान जाना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है। मुक्तिधाम में गंदगी के कारण शव को ले जाने वाले परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अक्सर 2 किलोमीटर दूर कोटा रोड पर स्थित श्मशान घाट तक जाना पड़ता है, जिससे दाह संस्कार के लिए शव ले जाना बहुत कठिन हो जाता है।

ग्रामीण वर्षों से इस रास्ते के सुधार की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। ग्रामवासियों का कहना है कि अब तक किसी ने इस समस्या का समाधान करने की कोशिश नहीं की है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्राम पंचायत वार्ड नंबर 10 की सदस्य अयोध्या बाई कुशवाह ने बताया कि श्मशान घाट तक पहुँचने में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

उनका कहना है कि यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो शव ले जाने में बहुत दिक्कत होती है। यह श्मशान घाट सबसे अधिक उपयोग में आता है, इसलिए प्रशासन को प्राथमिकता से रास्ते का सुधार करना चाहिए। अयोध्या बाई कुशवाह ने हाल ही में कार्यभार ग्रहण किया है और फिलहाल उनके पास पूरा चार्ज नहीं है। चार्ज मिलने के बाद इस विषय को संज्ञान में लेकर कार्य करवाने का प्रयास किया जाएगा। – मुरली वैष्णव, ग्राम विकास अधिकारी

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