रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी के डिब्बों का बेपटरी होना

रींगस। डीएफसीसी फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइनों पर न्यू श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन के समीप देर रात करीब 11 बजे सांड को बचाने के प्रयास में मालगाड़ी के 38 डिब्बे पटरी से उतर गए। राहत और बचाव कार्य पिछले 16 घंटों से जारी है। रेल अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात चावल से भरी मालगाड़ी के 38 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह हादसा सांड को बचाने के प्रयास में हुआ। यह मालगाड़ी फुलेरा से रेवाड़ी की ओर जा रही थी, और हादसे के बाद रींगस-श्रीमाधोपुर कॉरिडोर रेलवे ट्रैक बाधित हो गया।

डिब्बे एक-दूसरे पर इस तरह चढ़ गए, जैसे बच्चों के खिलौने एक के ऊपर रख दिए गए हों। यह दृश्य किसी बॉलीवुड फिल्म के एक्शन सीन से कम नहीं था। मालगाड़ी के डिब्बों के टूटने और घसीटने की तेज आवाज ने आसपास के लोगों को डरा दिया। सुबह ग्रामीणों ने जब यह नजारा देखा तो वे दंग रह गए। रेलवे में हड़कंप मच गया। रेलवे के अधिकारी, जीआरपी (GRP) और रेलवे कार्मिक तुरंत मौके पर पहुंचे। रींगस रेलवे स्टेशन अधीक्षक बाबूलाल बाजिया ने बताया कि राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

टूटे हुए डिब्बों को हटाना और ट्रैक को फिर से ठीक करना एक बड़ा चैलेंज है। स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि ट्रैक को चालू करने में कम से कम 15 से 20 घंटे लग सकते हैं। फिलहाल इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया है या उनके रूट को बदला जा रहा है। मालगाड़ी में कुल 58 डिब्बे थे, जिनमें से 16 डिब्बों में चावल के कट्टे भरे हुए थे। हादसे के बाद बड़ी संख्या में चावल के कट्टे ट्रैक के आसपास बिखर गए।

यह रेल हादसा मालगाड़ी ट्रैक पर हुआ है, जो पैसेंजर ट्रेनों के ट्रैक से अलग है, इसलिए कोई पैसेंजर ट्रेन प्रभावित नहीं हुई है। हालांकि, मालगाड़ियों के लिए फ्रेट कॉरिडोर के दोनों ट्रैक बाधित हो गए हैं। पटरियों पर पलटे डिब्बों को हटाने का काम जारी है, साथ ही इलेक्ट्रिक लाइन के सुधार का भी कार्य चल रहा है। तेज धमाके से लोगों की नींद टूट गई। रींगस तहसील के कानूनगो इंद्रसिंह निठारवाल ने बताया कि तेज धमाके से अचानक आंख खुली, लेकिन उसके बाद कोई आवाज नहीं आई।

इससे अंदाजा लगाया गया कि रेल लाइनों पर कोई काम चल रहा होगा।

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