भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई, 66 अधिकारी निलंबित

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा राजकीय कार्य में लापरवाही, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के दोषी कार्मिकों के खिलाफ लगातार कठोर कार्रवाई की जा रही है। राजकीय सेवाओं में अनुशासन और ईमानदारी को प्राथमिकता देने के लिए पिछले पौने दो वर्षों में कुल 210 कार्मिकों के खिलाफ विभिन्न अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि अधिकारी-कर्मचारी सरकार के शासन तंत्र की मुख्य धुरी हैं, जिनका जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

ऐसे में कार्मिकों को समर्पण और सत्यनिष्ठा के साथ काम करते हुए राज्यहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। आपराधिक मामलों में कार्रवाई करते हुए सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में अखिल भारतीय सेवा और राज्य सेवा के 66 अधिकारियों को निलंबित किया है। इसके अलावा, आपराधिक मामलों में दोषी पाए जाने पर 6 अधिकारियों को पदच्युत किया गया और 9 अधिकारियों के खिलाफ आजीवन शत प्रतिशत पेंशन रोकने की कार्रवाई की गई है।

राजकीय सेवाओं में ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 20 माह में 98 कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति भी प्रदान की है। साथ ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 17ए के तहत कुल 31 मामलों का समयबद्ध निस्तारण किया गया है।

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