केंद्र सरकार ने आरटीआई कानून को कमजोर करने के लिए संशोधन किया

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने शासन में पारदर्शिता लाने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू किया, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे कमजोर करने का काम किया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने सच्चाई छिपाने और अपनी कमजोरी जनता के सामने नहीं आने देने के लिए सूचना का अधिकार कानून को सोची समझी रणनीति के तहत कमजोर किया। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस काम के लिए कानून में संशोधन तक कर डाला।

दरअसल उनको डर था कि जनता से किए वादों की पोल खुल न जाएं, इसलिए सरकार ने कानून ही बदल दिया। कांग्रेस संचार विभाग प्रभारी जयराम रमेश ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि आरटीआई का उद्देश्य था कि शासन-प्रशासन को जो जानकारी है, वह जनता को भी मिले, लेकिन केंद्र सरकार इस कानून को खत्म करने में लगी है। उनकी योजना आरटीआई को खत्म करने की है। उनका कहना था कि सूचना आयुक्तों के पदों पर भर्ती नहीं हो रही है और इसमें देर की जाती है, ताकि अवैध कार्यों की जानकारी किसी को ना मिल सके।

सरकार आरटीआई को खत्म कर रही है, ताकि उसकी कोई आलोचना न कर सके। रमेश ने कहा कि 20 साल पहले 2005 में आरटीआई लागू हुआ। यह कानून कांग्रेस ने लागू किया, लेकिन आज इसकी सच्चाई बदल गई है। केंद्र सरकार ने इस कानून में बदलाव कर दिए। इनका उद्देश्य कानूनी अधिकारों को कमजोर करना और केंद्रीय सूचना आयोग की शक्तियों को कम करना था।

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