मांस की अवैध दुकानों पर राज्य की ढुलमुल चाल से गुजरात हाईकोर्ट नाराज

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अहमदाबाद, 17 जनवरी ()। गुजरात उच्च न्यायालय ने मांस की अवैध दुकानों और खुले में बेचे जाने वाले मांस के प्रति ढुलमुल रवैए को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की है। अदालत ने कानूनी सेवा प्राधिकरणों को ऐसी दुकानों का सर्वेक्षण करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति ए.जे. शास्त्री बेंच ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जहां याचिकाकर्ता ने राज्य में चल रहे अवैध बूचड़खानों का मुद्दा उठाया। याचिकाकर्ता ने यह भी शिकायत की कि उचित स्वच्छता मानदंडों को बनाए रखे बिना खुलेआम मांस बेचा जा रहा है।

शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की, हाई कोर्ट ने कई बार राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अवैध बूचड़खाने बंद किए जाएं, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

अदालत ने खाद्य सुरक्षा और शहरी विकास विभागों के संबंधित अधिकारियों को 30 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने कानूनी सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों को मांस की दुकानों का सर्वेक्षण करने और रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है।

सीबीटी

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times
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