Hariyali amavasya: हरियाली अमावस्या बदल सकती है तकदीर विशेष फलदायी है यह अमावस्या

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Hariyali amavasya: हरियाली अमावस्या बदल सकती है तकदीर विशेष फलदायी है यह अमावस्या

Hariyali amavasya: गुरु पुण्य नक्षत्र और गुरुवार एवं हरियाली अमावस्या तीनो एक ही दिन है | हरियाली अमावस्या पर पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करने से भी देवी लक्ष्मी और विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. दरअसल, इस बार अमावस्या बुधवार को रात 9:00 बजे से शुरू होकर गुरुवार को रात 11:00 बजे खत्म हो रही है. इस दिन गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा|

इन योगों में भगवान की पूजा करना और पितरों का तर्पण करना बहुत फलदायी माना गया है। यह अमावस्या सावन पर पड़ती है इसलिए इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पूर्वजों की याद में पेड़ लगाना भी बहुत फलदायी होता है।
भगवान विष्णु और सावन की कृपा पाने के लिए इस दिन शिवलिंग की पूजा भी की जाती है। जिस प्रकार गुरुवार के दिन विष्णु जी की पूजा के लिए बेसन और बेसन के लड्डू और गुड़ का भोग लगाया जाता है, उसी तरह आप शिवलिंग पर भी चढ़ा सकते हैं। इस तरह आपको भगवान शिव, विष्णुजी और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

इस तरह करें अमावस्या की पूजा

  • पितरों के नाम का दान किसी गरीब इंसान को करना
  • उनके नाम का भोग निकालकर भोजन भी किसी गरीब व्यक्ति को कराना

इससे पितर संतुष्ट होते हैं और घर को धनधान्य से भर देते हैं।

 

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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