हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी में पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध माना है। कोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिए हैं। जस्टिस फरजंद अली की कोर्ट ने कहा कि इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह, हैड कांस्टेबल स्वरूप राम और कांस्टेबल जोहरा राम की भूमिका संदिग्ध है। वहीं कोर्ट ने आरोपी सत्यनारायण को जमानत दे दी है। कोर्ट ने आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं।

सत्यनारायण की ओर से दायर याचिका के अनुसार मामला जनवरी 2023 का है, जब बासनी थाने के तत्कालीन एसएचओ जितेंद्रसिंह ने अपनी टीम के साथ एक टैंकर को रोका था। तलाशी में ट्रक से 111 बोरियों में कुल 2240.517 किलोग्राम डोडा-पोस्त की भूसी बरामद हुई थी। ट्रक ड्राइवर ओम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद एफआईआर दर्ज की गई। पूछताछ के दौरान ओमप्रकाश ने बताया कि उसे खनारखेड़ी निवासी अर्जुनराम ने ये बोरियां पाल बालाजी क्षेत्र में सत्यनारायण के परिसर में उतारने को कहा था।

याचिका में बताया गया कि सत्यनारायण के बेटे मुकेश सुथार ने पुलिस कमिश्नर और एसीबी को शिकायत दी थी कि 29 जनवरी 2024 को एसएचओ जितेंद्रसिंह और उसकी टीम ने उसे जबरदस्ती पाल रोड भादू मार्केट से उठाया था। मुकेश का आरोप था कि पुलिस ने उससे और उसके पिता को एनडीपीएस केस से बचाने के लिए 70 लाख रुपए की मांग की थी।

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