इमरान खान बोले- सैन्य प्रतिष्ठान अभी भी राजनीतिक इंजीनियरिंग में दखल दे रहे

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इस्लामाबाद, 9 जनवरी ()। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने पूर्व सेना प्रमुख द्वारा सार्वजनिक घोषणा के बावजूद अपनी पिछली गलतियों से नहीं सीखने और राजनीतिक इंजीनियरिंग में हस्तक्षेप जारी रखने के लिए एक बार फिर सैन्य प्रतिष्ठान (इस्टैब्लिशमेंट) की आलोचना की है। जनरल कमर जावेद बाजवा और वर्तमान सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर, जिन्होंने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठान खुद को राजनीति से दूर रखेंगे।

इमरान खान ने वीडियो लिंक के माध्यम से कराची में महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मुझे डर है कि दुर्भाग्य से हमारे प्रतिष्ठान ने अतीत से कुछ नहीं सीखा है। आज, हम राजनीतिक इंजीनियरिंग को होते हुए देख रहे हैं। इमरान खान ने मुताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) गुटों के हालिया अफवाह विलय और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्यों के पाकिस्तान पीपल पार्टी (पीपीपी) में शामिल होने की रिपोर्टों को भी जोड़ा।

इसी तरह के प्रयास पंजाब में पीएमएल-एन को सत्ता में लाने के लिए भी किए गए थे, जबकि खैबर पख्तूनख्वा में एक अलग खेल खेला जा रहा है, यह सभी पीटीआई को कमजोर करने के प्रयास में है। मुझे इन सबका मकसद समझ नहीं आ रहा है।

इमरान खान ने जोर देकर कहा कि सैन्य प्रतिष्ठान के इन प्रयासों का उद्देश्य राजनीतिक इंजीनियरिंग के माध्यम से एक कमजोर व्यवस्था तैयार करना है, जोकि देश को अपने मौजूदा संकट से बाहर निकालने में सक्षम नहीं होगा।

पीटीआई प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान को एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो पांच साल के सार्वजनिक जनादेश के जरिए सत्ता में आए और देश की समस्याओं और संकट को हल कर सके।

हम बैलेट बॉक्स के जरिए शांतिपूर्ण क्रांति लाना चाहते हैं। पाकिस्तान का संकट जल्द ही श्रीलंका की स्थिति से आगे निकल सकता है। खान ने सैन्य प्रतिष्ठान पर तंज कसते हुए उन्हें अतीत में राजनीति में दखल के कारण हुए नुकसान की याद दिलाई।

इमरान खान ने फिर से जनरल बाजवा को देश में मौजूदा स्थिति के लिए प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा, जनरल बाजवा ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा था। पीटीआई को सत्ता में वापस आने से कथित तौर पर रोकने के लिए उनका सेट-अप अभी भी प्रतिष्ठान में सक्रिय है।

एफजेड/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times
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