फलसुंड में भूमाफिया को फायदा पहुंचाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग कर रहा आगोर की भुमि में सड़क निर्माण की कवायद

Kheem Singh Bhati
4 Min Read
फलसुंड में भूमाफिया को फायदा पहुंचाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग कर रहा आगोर की भुमि में सड़क निर्माण की कवायद

जैसलमेर। जिले की फलसुंड तहसील में भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। मामला हैं फलसुंड के खसरा संख्या 2011 का जहां से फलसुंड से बायतु के लिए नई सड़क का निर्माण प्रारंभ किया जा रहा हैं। जबकि फलसुंड से बायतु के लिए 55 वर्ष पूर्व में निकाली गई सड़क खसरा संख्या 2009 से निकलती थी, जिसके निर्माण को लगभग 55-60 साल हो चुके हैं। यह सड़क लगभग 17- 18 साल पूर्व स्टेट हाईवे घोषित किया गया था।

फलसुंड में विभागीय मिलीभगत से आगोर में हो रहा सड़क का निर्माण

अब विभागीय अधिकारियों ने भूमाफिया को फायदा पहुंचाने के लिए उक्त सड़क का स्थान परिवर्तन किए जाने की कवायद की जा रही हैं। क्योंकि उक्त पुरानी सड़क पर भूमाफिया द्वारा नियम विरुद्ध दुकानें और बड़े बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवाया गया हैं जिन्हे बचाने के लिए नई सड़क बनाने की कवायद की जा रही हैं। जबकि इस सड़क का मामला वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में लंबित हैं तथा नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं।

फलसुंड तहसील के राजस्व ग्राम फलसुंड के खसरा संख्या 2011 और 2012 किस्म गैर मुमकिन आगोर वक्त सेटलमेंट राजस्व रिकार्ड में गैर मुमकिन आगोर दर्ज किया गया था और आज भी दर्ज हैं।  जैसलमेर जिला बरसात और पानी के मामले में सदियों से पिछड़ा हुआ जिला रहा हैं जहां का मुख्य व्यवसाय पशुपालन और कृषि आधारित हैं जो कि वर्षा जल पर निर्भर रहता हैं और जिले में जलस्तर नीचे होने से आज भी कई गांव पानी की किल्लत में जी रहे हैं।

यहां तक कि गर्मी में मौसम में पानी के अभाव में कई पशु काल कलवित होते हैं।  वहीं सरकारें और माननीय न्यायालय भी परंपरागत जलस्रोत बचाने के लिए प्रयासरत हैं जिसके लिए समय समय पर आदेश और निर्णय पारित भी किए गए हैं और परम्परागत जल स्त्रोत के संरक्षण की भी योजनाएं चलाई गई हैं।

प्रतिबंधित भूमियों पर निर्माण अवैध – सुप्रीम कोर्ट

भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जगपालसिंह बनाम पंजाब सरकार और राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अब्दुल रहमान बनाम राजस्थान सरकार तथा अन्य कई मामलों में दिए निर्णयों के अनुसार नदी, नालों, तालाबों, झीलों, आगोर, जोहड़, पायतन और अन्य पानी के बहाव के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित किया गया हैं और निर्देश दिए गए हैं कि उक्त प्रतिबंधित भूमियों पर आज भी वैसी ही स्थिति हो जैसी सन 1947 में थी। बावजूद इसके राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मिलीभगत से फलसुंड के खसरा संख्या 2011 में आगोर की भुमि पर सड़क का निर्माण कार्य करवा कर आगोर को बाधित करने का कृत्य किया जा रहा हैं।

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