भारत और चीन के बीच मित्रता का महत्व: शी जिनपिंग

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए चीनी राष्ट्रपति को दिया न्योता जिनपिंग बोले- ड्रैगन और हाथी एक हों मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ चीन का साथ मांगा नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही सामरिक स्वायत्तता के पक्षधर हैं और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

दोनों नेताओं ने इस बात की आवश्यकता को समझा कि बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार जैसे द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों पर साझा आधार का विस्तार होना चाहिए। रविवार को विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति से इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंदी नहीं, और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंध और सहयोग दोनों देशों की प्रगति और विकास के साथ-साथ बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सफल डिसएंगेजमेंट और उसके बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने इस महीने की शुरूआत में दोनों विशेष प्रतिनिधियों द्वारा अपनी वार्ता में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की सराहना की और उनके प्रयासों को और समर्थन देने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर यात्रा और पर्यटक वीजा की बहाली के साथ-साथ सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में, उन्होंने विश्व व्यापार को स्थिर करने में अपनी दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को मान्यता दी।

उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए राजनीतिक और रणनीतिक दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की चीन की अध्यक्षता और तियानजिन में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी आमंत्रित किया, जिसकी मेजबानी भारत 2026 में करेगा। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन के समर्थन की पेशकश की।

राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि दोनों देशों का मित्र बनना सही विकल्प है तथा हाथी (भारत) एवं ड्रैगन (चीन) को एक-दूसरे की सफलता का मिलकर जश्न मनाना चाहिए। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर हुई। शी ने कहा, दोनों (देशों) के कंधों पर अपने लोगों के भले के लिए काम करने, विकासशील देशों का कायाकल्प करने एवं उनकी एकजुटता को बढ़ावा देने और मानव समाज की प्रगति को गति देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, दोनों के लिए यह सही विकल्प है कि वे ऐसे दोस्त बनें जिनके बीच अच्छे पड़ोसियों वाले और सौहार्दपूर्ण संबंध हों, वे ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों और ड्रैगन और हाथी एक साथ नृत्य करें।

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