चंडीगढ़। पंजाब में तरनतारन विधानसभा सीट के उपचुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल के पूर्व महासचिव एवं फतेहगढ़ साहिब से अकाली दल के वरिष्ठ नेता जगदीप सिंह चीमा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की उपस्थिति में अपने समर्थक सहित भाजपा में शामिल हुए। चीमा का भाजपा में शामिल होना अकाली दल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चीमा फतेहगढ़ साहिब जिले से अकाली दल के जिला प्रभारी रहे हैं। वह 2012 और 2022 में पार्टी की सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
दोनों ही बार वह हालांकि चुनाव नहीं जीत पाए थे। चीमा के पिता रणधीर सिंह चीमा भी शिअद का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। वह 50 सालों तक एसजीपीसी सदस्य और तीन बार पंजाब में कैबिनेट मंत्री रहे। पिता की राह पर चलते हुए जगदीप भी शिअद में शामिल हुए और लंबे समय तक पार्टी का हिस्सा रहे। हाल ही शिअद ने चीमा को पार्टी से निष्कासित किया था। शिअद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ दलजीत सिंह चीमा ने 30 सितंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर चीमा को पार्टी से निकाले जाने की खबर की पुष्टि की थी।
उन्होंने बताया था कि चीमा के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, जिसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है। शिअद से निकाले जाने के कुछ ही दिनों बाद अब चीमा ने उनकी विरोधी भाजपा का हाथ थाम लिया है। जगदीप सिंह चीमा की जॉइनिंग पर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा पंजाब की जनता बेअदबी की घटनाओं पर आज भी जवाब मांगती है और उन्हें कभी माफ नहीं करने वाली।
इसके साथ ही बिट्टू ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि इसी पार्टी ने सिखों का नरसंहार और पंजाब में स्वर्ण मंदिर पर सेना से हमला करवाया था। बिट्टू ने एलान किया कि अकाली दल के साथ पंजाब की जनता के पास जाकर भाजपा क्या मुंह दिखाएगी, इसलिए भाजपा पंजाब की सभी 117 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

