जयपुर। झारखंड से 38 लाख रुपए कीमत के लोहे की ब्लेड लेकर राजस्थान के भिवाड़ी आने के लिए रवाना हुआ ट्रक अचानक रास्ते में लापता हो गया। ड्राइवर और खलासी के नम्बर बंद आए तो झारखंड के व्यापारी ने इसकी सूचना आईजी रेंज जयपुर राहुल प्रकाश को दी। सीसीटीवी और मोबाइल नम्बरों के आधार पर ट्रक और उसके चालक की तलाश शुरू की गई। इस दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी लोहे के माल को बेचने की फिराक में और एक हिस्ट्रीशीटर शामिल है।
इस पर टीमों ने लगातार दबिश देकर अलवर के प्रतापगढ़ से ट्रक और एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। उससे पकड़कर पूछताछ की तो उसने पूरी वारदात कबूल कर ली। पुलिस ने मात्र 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर माल समेत ट्रक जब्त कर लिया। अब उसके अन्य साथियों की तलाश जारी है। इस संबंध में थाना वैशाली नगर में पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया है। गिरफ्तार आरोपी अजुरुद्दीन उर्फ लाला (30) पुत्र खड्डी खान शीतल बड़ोदामेव अलवर का रहने वाला है। यह था मामला।
जानकारी के अनुसार परिवादी जितेन्द्र कुमार सिन्हा निवासी मांडू रामगढ़ झारखंड ने रिपोर्ट दी कि वह ट्रांसपोर्ट कम्पनी चलाते हैं। 13 सितम्बर 2025 को रांची स्थित एक कम्पनी से 38 लाख 12 हजार 733 रुपए कीमत कर 83.320 मीट्रिक टन लोहा भिवाड़ी भेजने के लिए एक ट्रक की व्यवस्था की थी। इस दौरान ट्रेलर मालिक ताहिर उर्फ काला ने फोन कर परिवादी से सम्पर्क किया। बात तय होने के बाद ट्रक को 13 सितम्बर को शाम 6.23 बजे बिहार फाउंड्री भेजा गया। दूसरे दिन ड्राइवर ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के कारण लोडिंग में अड़चन की बात बताई।
बाद में ड्राइवर ने विजय धाकड़ नामक व्यक्ति का लाइसेंस पेश कर माल लोड करवा लिया। रात करीब 9.30 बजे ट्रक ट्रांसपोर्टर के कार्यालय पहुंचा, जहां मौजूद ताहिर और सह चालक जीतू सिंह ने गारंटी के रूप में ताहिर ने अजुरुद्दीन उर्फ लाला का नाम दिया। लाला की ट्रांसपोर्टर की पहले से जान-पहचान थी। ताहिर ने किराए के रुपए एडवांस मांगे तो परिवादी ने 46400 रुपए ऑनलाइन भेज दिए। इसके बाद ट्रक को राजस्थान के लिए रवाना कर दिया गया। अचानक हुआ गायब।
परिवादी की लगातार चालक ताहिर से बात हो रही थी, लेकिन 21 सितम्बर को ट्रक भिवाड़ी नहीं पहुंचा तो चालक ताहिर के मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया तो वह बंद मिला। इसके बाद गारंटर अजुरुद्दीन उर्फ लाला से संपर्क किया गया, तो उसने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और बाद में उसका भी फोन बंद आने लगा। तुरंत मिला न्याय। जितेन्द्र कुमार ने किसी के मार्फत आईजी राहुल प्रकाश को पूरी वारदात के बारे में बताया तो उन्होंने एसपी अलवर सुधीर चौधरी और एएसपी आईपीएस कांबले शरण गोपीनाथ को जानकारी दी।

