राजस्थान के छह प्रमुख शहरों—मंडावा, खाटूश्यामजी, भिवाड़ी, अलवर, बीकानेर और भरतपुर—को अब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) नियुक्त किया है। इन शहरों में नगरीय ढांचे को आधुनिक बनाने के साथ स्वच्छता, सड़क, स्ट्रीट लाइटिंग, सीवरेज और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल सेवाओं का भी विस्तार किया जाएगा। इस परियोजना पर 330 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। सरकार ने दी मंजूरी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ डॉ.
निधि पटेल ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था, जिसे राजस्थान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन (रूडसिको) ने मंजूरी दे दी है। डॉ. पटेल ने बताया कि जयपुर स्मार्ट सिटी इन सभी शहरों में विकास कार्यों की योजना, डिजाइन, मॉनिटरिंग और तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगी। सभी योजनाओं की प्रगति की निगरानी जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा की जाएगी ताकि समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित हो सके। स्मार्ट सिटी मॉडल के तहत जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड प्रत्येक शहर में “स्मार्ट अर्बन डेवलपमेंट” की दिशा में काम करेगी।
इसमें स्मार्ट रोड, डिजिटल सर्विलांस, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण और हरित पहल जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन शहरों को पर्यावरण के अनुकूल, तकनीक आधारित और नागरिक सुविधाओं से लैस आधुनिक शहरी केंद्रों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के तहत कई प्रमुख विकास कार्य किए जाएंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के तहत सड़कों, सीवर, ड्रेनेज और बिजली लाइनों को उन्नत किया जाएगा। स्वच्छता के क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट और ओपन डंप खत्म करने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
जल प्रबंधन में 24 घंटे जलापूर्ति, वर्षा जल संचयन और ट्रीटेड वाटर के पुन: उपयोग की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, सेंसर आधारित सिग्नल, स्मार्ट पार्किंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार भी किया जाएगा। ग्रीन इनिशिएटिव्स के तहत पार्कों का विकास, साइकिल ट्रैक और सोलर प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। डिजिटल सर्विसेज के क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी, वाई-फाई जोन और ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली लागू की जाएगी।
इस परियोजना के पूरे होने के बाद राजस्थान के इन छह शहरों को नया स्मार्ट स्वरूप मिलेगा, जिससे स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर में बड़ा सुधार आएगा।

