जैसलमेर। मोहनगढ़ इलाके में एक अनोखी भूगर्भीय घटना ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी थी। ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान ट्रक और बोरिंग मशीन जमीन में समा गए थे। इसके बाद धरती से तेज प्रेशर के साथ पानी और गैस का बहाव शुरू हो गया। पानी की धार इतनी तेज थी कि आसपास का इलाका एक छोटे समंदर जैसा दिखाई देने लगा।
घटना की जानकारी मिलते ही तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का गहराई से अध्ययन किया। टीम ने बताया कि ट्रक और मशीन को बाहर निकालने की कोशिश खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे पानी और मिट्टी का फिर से तेज प्रेशर के साथ निकलना शुरू हो सकता है। टीम ने स्थानीय प्रशासन को इस बारे में एक तकनीकी रिपोर्ट सौंपी है।
60 लाख साल पुराना हो सकता है पानी
घटनास्थल पर धरती से निकलने वाले पानी और चिकनी सफेद मिट्टी को लेकर भूजल विशेषज्ञों का मानना है कि यह पानी करीब 60 लाख साल पुराना हो सकता है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों का दावा है कि यह खारा पानी समुद्री जल से जुड़ा हो सकता है।
गांव वालों को दी चेतावनी
ONGC की टीम ने गांव वालों को समझाया कि ट्रक और मशीन को बाहर निकालने में भारी खर्च और जोखिम दोनों हैं। उनका मानना है कि ट्रक और मशीन की वजह से पानी का तेज बहाव रुक गया है, और इन्हें हटाने से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
सरकार करेगी घटना की जांच
घटनास्थल पर पहुंचकर भूजल विभाग के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि घटना की गहराई से जांच कराई जाएगी और किसान को हुए नुकसान का आकलन कर उसे उचित मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही, इस घटना पर वैज्ञानिक अध्ययन की भी तैयारी की जा रही है ताकि भूगर्भीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
इस दुर्लभ घटना ने न केवल वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर किया है बल्कि स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों को भी सतर्क कर दिया है। यह घटना धरती के अंदर छिपे रहस्यों को उजागर करने की एक और कड़ी है।
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