जापान में स्मार्टफोन उपयोग पर नई सीमा: दिन में केवल 2 घंटे

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। वर्तमान में हम सबकी जिंदगी और आदत में स्मार्टफोन शामिल है। लोग कई घंटे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। बच्चों के बेहतर भविष्य, लोगों की स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ स्क्रीन टाइम कम करने की सलाह देते हैं। इसी कारण से दुनिया भर में स्क्रीन टाइम को सीमित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

हाल ही में जापान के एक शहर में फोन उपयोग को लेकर नियम बनाने की घोषणा की गई है, जिसमें कहा गया है कि अब लोग दिन में केवल दो घंटे ही स्मार्टफोन का उपयोग कर सकेंगे। जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान के तोयोआके शहर के निवासी अब प्रतिदिन केवल दो घंटे स्मार्टफोन का उपयोग कर सकेंगे।

तोयोआके के मेयर मासामी कोकी ने घोषणा की कि शहर की विधानसभा जल्द ही एक मसौदा अध्यादेश पर मतदान करेगी, जो निवासियों को काम और स्कूल के दायित्वों के अलावा स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर पर दो घंटे तक ही समय बिताने की अनुमति देगा। यदि नियम पर सहमति बन गई तो तोयोआके में अक्टूबर से यह लागू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि जापान के कागवा शहर में साल 2020 में ऐसा नियम पहले ही लागू किया जा चुका है। नियम का उल्लंघन करने पर क्या होगा?

कोकी ने स्पष्ट किया कि इस अध्यादेश का उल्लंघन करने पर कोई आर्थिक या आपराधिक दंड नहीं होगा। उन्होंने कहा कि स्क्रीन टाइम को दो घंटे तक सीमित करना केवल एक दिशा निर्देश है। विधेयक का उद्देश्य निवासियों को स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचाना है। क्यों लिया गया यह फैसला? जापान में मार्च में एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि देश में युवा प्रतिदिन औसतन पांच घंटे अपने फोन, टैबलेट और कंप्यूटर पर बिताते हैं।

कोकी का मानना है कि फोन के अधिक उपयोग से नींद की समस्या, मानसिक स्वास्थ्य पर असर जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। नियम में क्या कहा गया है? बच्चे और बड़े, युवा और बुजुर्ग एक तय समय के बाद फोन का उपयोग नहीं करेंगे। स्कूल के बाद छात्र-छात्राएं दिन में केवल दो घंटे स्मार्टफोन का उपयोग कर सकेंगे। 1-5 कक्षा तक के बच्चों को रात 9 बजे और बड़े बच्चों को रात 10 बजे के बाद फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। लोगों ने जताई नाराजगी।

जापान के तोयोआके शहर में फोन को लेकर जो नियम बनाए जा रहे हैं, उनमें भले ही सजा या जुर्माना का प्रावधान नहीं है। यह नियम केवल लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है। फिर भी लोगों में नाराजगी है। जापान में एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा- दो घंटे का समय बहुत कम है, इतने समय में वो कुछ नहीं कर पाएंगे। अन्य यूजर ने लिखा- मैं मेयर मासामी कोकी के इरादों पर शक नहीं कर रहा हूं, लेकिन केवल दो घंटे की सीमा का पालन करना असंभव है।

अन्य यूजर ने लिखा- दो घंटे में फोन पर न किताब पढ़ी जा सकती है और न कोई फिल्म देखी जा सकती है।

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